Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 39
________________ 'द' सहित डि के स्थान पर 'ह' (होता है)। इदम् शब्द के 'द' सहित ङि (सप्तमी एकवचन के प्रत्यय) के स्थान पर विकल्प से 'ह' होता है। (इदम् + ङि) : इह (सप्तमी एकवचन) 1. (सूत्र 3/2 'अधो मनयाम्' से पदान्त म् , न् , य् का लोप होता है) 63. न त्थः 6/17 न : नहीं त्यः (त्थ) 1/1 'त्थ' नहीं (होता)। इदम् शब्द से परे ङि (सप्तमी एकवचन के प्रत्यय) के स्थान पर 'त्थ' प्रत्यय नहीं होता। (इम + त्थ) : इमत्थ नहीं बनेगा। 64. नपुंसके स्वमोरिदमिणमिणमो 6/18 नपुंसके स्वमोरिदमिणमिणमो { (सु) + (अमोः) + (इदम्) + (इणम्) + (इणमो) } नपुंसके (नपुंसक) 7/1 { (सु) - (अम्) 7/2} इदम् (इदम्) 1/1 इणम् (इणम्) 1/1 इणमो (इणमो) 1/1 नपुंसकलिंग में सु और अम् परे होने पर इदम् →'इदं', इणम् →'इणं', 'इणमो' (होते हैं)। इदम् शब्द के नपुंसकलिंग में सु (प्रथमा एकवचन का प्रत्यय) और अम् (द्वितीया एकवचन का प्रत्यय) परे होने पर इदम् → इम व विभक्तिप्रत्ययों सहित 'इदं', 'इणं', 'इणमो' होते हैं। (इम + सु) : इदं, इणं, इणमो (प्रथमा एकवचन) (इम + अम्) - इदं, इणं, इणमो (द्वितीया एकवचन) .. 1. मनोरमा टीका के आधार पर। 65. एतदः सावोत्त्वं वा 6/19 एतदः सावोत्त्वं वा एतदः { (सौ) + (ओत्त्वम्) + (वा) } एतदः → एततः (एतत्) 5/1 सौ (सु) 7/1 ओत्त्वम् (ओत्त्व) 1/1 (32) वररुचिप्राकृतप्रकाश (भाग - 1) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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