Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 44
________________ प्रत्यय) परे होने पर 'ते', 'दे' होते हैं और डस् (षष्ठी एकवचन का प्रत्यय) परे होने पर (तुम्ह और ङस् के स्थान पर) 'ते', 'दे' होते हैं। (तुम्ह + आङ्) : ते, दे (तृतीया एकवचन) (तुम्ह + ङस्) : ते, दे (षष्ठी एकवचन) 79. तुमाइ च 6/33 तुमाइ (तुमाइ) 1/1 च : और 'तुमाइ' और (ते, दे होते हैं)। युष्मद् → तुम्ह शब्द के आङ् - टा अर्थात् तृतीया एकवचन का प्रत्यय परे होने पर (तुम्ह और आङ् के स्थान पर) 'तुमाइ' और 'ते' 'दे' होते हैं। (तुम्ह + आङ्) - तुमाइ, ते, दे (तृतीया एकवचन) 80. तुज्झेहिं तुम्हेहिं तुम्मेहिं भिसि 6/34 तुज्झेहिं (तुझेहिं) 1/1 तुम्हेहिं (तुम्हेहिँ) 1/1 तुम्मेहिं (तुम्मेहिं) 1/1 भिसि (भिस्) 7/1 भिस् परे होने पर 'तुज्झेहिं', 'तुम्हेहिं', 'तुम्मेहि' (होते हैं)। युष्मद् → तुम्ह शब्द के भिस् (तृतीया बहुवचन का प्रत्यय) परे होने पर (तुम्ह और भिस् के स्थान पर) 'तुझेहिं', 'तुम्हेहिं', 'तुम्मेहिं' होते हैं। (तुम्ह + भिस्) - तुज्झेहिं, तुम्हेहिं, तुम्मेहिं (तृतीया बहुवचन) 81. ङसौ तत्तो तइत्तो तुमादो तुमादु तुमाहि 6/35 ङसौ (ङसि) 7/1 तत्तो (तत्तो) 1/1 तइत्तो (तइत्तो) 1/1 तुमादो (तुमादो) 1/1 तुमादु (तुमादु) 1/1 तुमाहि (तुमाहि) 1/1 ङसि परे होने पर 'तत्तो', 'तइत्तो', 'तुमादो', 'तुमादु', 'तुमाहि' (होते हैं) युष्मद् → तुम्ह शब्द के ङसि (पंचमी एकवचन का प्रत्यय) परे होने पर (तुम्ह और ङसि के स्थान पर) 'तत्तो', 'तइत्तो', 'तुमादो', 'तुमादु', 'तुमाहि' होते हैं। (तुम्ह + ङसि) : तत्तो, तइत्तो, तुमादो, तुमादु, तुमाहि (पंचमी एकवचन) 82. तुम्हाहिन्तो तुम्हासुन्तो भ्यसि 6/36 वररुचिप्राकृतप्रकाश (भाग - 1) (37) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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