Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 42
________________ 71. पदस्य 6/25 पदस्य (पद) 6/1 पद के स्थान पर (होते हैं)। पद से तात्पर्य प्रातिपदिक (विभक्तिचिह के जुड़ने से पूर्व संज्ञा शब्द) और प्रत्यय के संयोग से निष्पन्न होनेवाले शब्द से है। आगे आनेवाले सर्वनाम मूलशब्द व विभक्तिचिहों से मिलकर आदेशरूप होंगे। जैसे - तुम्ह+ सु - तुं, तुमं पद कहे गये हैं। 1. प्राकृतप्रकाशः, डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय, पृष्ठ - 110 का फुटनोट। ७ 72. युष्मदस्तं तुमं 6/26 युष्मदस्तं तुमं { (युष्मदः) + (तं) } तुमं युष्मदः (युष्मद्) 6/1 तं (तं) 1/1 तुमं (तुम) 1/1 युष्मद् शब्द के (सु परे होने पर) 'तं' और 'तुम' (होते हैं)। युष्मद् → तुम्ह शब्द के सु (प्रथमा एकवचन का प्रत्यय) परे होने पर (तुम्ह और सु के स्थान पर) 'त' और 'तुम' होते हैं। (तुम्ह + सु) : तं, तुमं (प्रथमा एकवचन) 73. तुं चामि 6/27 तुं चामि तुं { (च) + (अमि) } तुं (तुं) 1/1 च : और अमि (अम्) 7/1 . अम् परे होने पर तुं और ('तं', 'तुम') (होते हैं)। युष्मद् → तुम्ह शब्द के अंम् (द्वितीया एकवचन का प्रत्यय) परे होने पर .. (तुम्ह और अम् के स्थान पर) 'तु' और 'तं', 'तुम' होते हैं। (तुम्ह + अम्) : तुं, तं, तुमं (द्वितीया एकवचन) 74. तुझे तुम्हे जसि 6/28 तुझे (तुझे) 1/1 तुम्हे (तुम्हे) 1/1 जसि (जस्) 7/1 जस् परे होने पर 'तुझे', 'तुम्हे' (होते हैं)। युष्मद् →तुम्ह शब्द के जस् (प्रथमा बहुवचन का प्रत्यय) परे होने पर (तुम्ह और जस् के स्थान पर) 'तुझे' और 'तुम्हे' होते हैं। (तुम्ह + जस्) : तुझे, तुम्हे (प्रथमा बहुवचन) वररुचिप्राकृतप्रकाश (भाग - 1) (35) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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