Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 49
________________ 97. मज्झ णो अम्ह अम्हाणमम्हे आमि 6/51 मज्झ णो अम्ह अम्हाणमम्हे आमि मज्झ णो अम्ह { (अम्हाणम्) +(अम्हे) } आमि मज्झ (मज्झ) 1/1 णो (णो) 1/1 अम्ह (अम्ह) 1/1 . अम्हाणम् → अम्हाणं (अम्हाणं) 1/1 अम्हे (अम्हे) 1/1 आमि (आम्) 7/1 आम् परे होने पर 'मज्झ', 'णो', 'अम्ह', 'अम्हाणं', 'अम्हे' (होते हैं)। अस्मद् → अम्ह के आम् (षष्ठी बहुवचन का प्रत्यय) परे होने पर (अम्ह और आम् के स्थान पर) 'मज्झ', 'णो', 'अम्ह', 'अम्हाणं'; 'अम्हे' होते हैं। (अम्ह + आम्) : मज्झ, णो, अम्ह, अम्हाणं, अम्हे (षष्ठी बहुवचन) 98. ॐ ममम्मि ममस्सिं 6/52 डी (ङि) 7/1 ममम्मि (ममम्मि) 1/1 . ममस्सिं (ममस्सि) 1/1 ङि परे होने पर 'ममम्मि', 'ममस्सिं' (होते हैं)। अस्मद् → अम्ह के ङि (सप्तमी एकवचन का प्रत्यय) परे होने पर (अम्ह और ङि के स्थान पर) 'ममम्मि', 'ममस्सिं' होते हैं। (अम्ह + ङि) : ममम्मि, ममस्सिं (सप्तमी एकवचन) 99. अम्हेसु सुपि 6/53 अम्हेसु (अम्हेसु) 1/1 सुपि (सुप्) 7/1 सुप् परे होने पर 'अम्हेसु' (होता है)। अस्मद् → अम्ह के सुप् (सप्तमी बहुवचन का प्रत्यय) परे होने पर (अम्ह और सुप के स्थान पर) 'अम्हेसु' होता है। (अम्ह + सुप्) : अम्हेसु (सप्तमी बहुवचन) 100. द्वेर्दो 6/54 द्वेर्दो { (द्वेः) + (दो) } द्वेः (द्वि) 6/1 दो (दो) 1/1 द्वि के स्थान पर 'दो' (होता है)। विभक्ति सम्बन्धी कोई भी प्रत्यय परे रहने पर द्वि के स्थान पर 'दो' (होता है)। (42) वररुचिप्राकृतप्रकाश (भाग - 1) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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