Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
View full book text
________________
सर्वनाम सूत्र
47. सर्वादेर्जस एत्वम् 6/1
सदिर्जस एत्वम् { (सर्व) + (आदेः) + (जसः) + (एत्वम्) } { (सर्व) - (आदि) 5/1 } जसः (जस्) 6/1 एत्वम् (एत्व) 1 /1 सर्व → सव्व आदि से परे जस् के स्थान पर एत्व → 'ए' (होता है)। सर्व → सव्व आदि सर्वनामों से परे जस् (प्रथमा बहुवचन के प्रत्यय) के स्थान पर 'ए' होता है। (सव्व + जस्) : (सव्व + ए) : सब्वे (प्रथमा बहुवचन) (त + जस) - (त + ए) ते (प्रथमा बहुवचन) (ज + जस्) : (ज + ए) : जे (प्रथमा बहुवचन) (एत + जस्) - (एत + ए) : एते (प्रथमा बहुवचन) (इम + जस्) - (इम + ए) : इमे (प्रथमा बहुवचन)
"
"
".
"
48. ऊँ स्सिंम्मित्थाः 6/2
ः (ङि) 6/1 { (स्सि) - (म्मि) - (त्थ) 1/3 } ङि के स्थान पर 'स्सिं', 'म्मि' और 'त्थ' (होते हैं)। सर्व → सव्व आदि सर्वनामों से परे ङि (सप्तमी एकवचन के प्रत्यय) के स्थान पर 'स्सिं' , 'म्मि' और 'त्थ' होते हैं। सप्तमी एकवचन (सव्व + ङि) - (सव्व +स्सिं, म्मि, त्थ) - सवस्सिं, सबम्मि, सव्वत्थ (त + ङि) : (त + स्सिं, म्मि, त्थ) : तस्सिं, तम्मि, तत्थ (ज + ङि) - (ज + स्सिं, म्मि, त्थ) : जस्सिं, जम्मि, जत्थ (एत + ङि) = (एत + स्सिं, म्मि, त्थ) : एतस्सिं, एतम्मि, एत्थ' (इम + ङि) - (इम + स्सिं, म्मि )2 इमस्सिं, इमम्मि 1. सूत्र 6/21 से एतत्थ के त का लोप होकर एत्थ बनेगा। 2. सूत्र 6/17 से इमत्थ नहीं बनेगा।
49. इदमेतद्धियत्तद्भ्यः टाइणा वा 6/3
इदमेतकियत्तद्भ्यः टाइणा वा { (इदम्) + (एतत्) + (किं) + (यत्) +
वररुचिप्राकृतप्रकाश (भाग - 1)
(27)
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126