Book Title: Vardhaman Mahavir Author(s): Digambardas Jain Publisher: Digambardas Jain View full book textPage 8
________________ खण्ड ३] 467 467 471 474 474 477 478 479 479 480 481 485 489 486 जैन धर्म और भारतवर्ष का इतिहास भरत और भा तवर्ष ... 410 चन्दले । नरेश श्रादिपुरुष श्री ऋषभदेव ... 405 परमारवंशी सम्राट जैनधर्म की प्राचीनता ...233,105 होरमलवंशी ,,.. वैदिक काल में जैनधर्म ... 102 व.लचूरिवंशी , भारत से बाहर जैनधर्म ... 214 विजयनगर के नरेश जैन अहिंसा और भारत का पतन 433 मैंग के राजे ,, , की स्वतन्त्रता 459 ग्वालियर के राजे जैनधर्म और वीरता ...236,419 जयपुर के राजे जन-वीरों की देशभक्ति ... 422 ‘भरतार के राजे २४ तीर्थकर और भारत के महापुरुष 411 अजमेर के चौहान १२ चक्रवर्ती, नारायण और बलभद्र 41 राजनाने के महाराणे कुछ जैन मेनापति ... 507 सिक्खों का राज्य भ० महावीर के समय का मारत 113 गजनी के सुल्तान भ०,, का राजाओं पर प्रभाव 435,506 गौरीवंशी बादशाह __.. की शिकाका इतिहास पर प्रभाव 435 गुलामांशी बादशाह शिशुनागवंशी सम्राट .. 435 खिलजीवंशी सुल्तान शक्यावंशो म० बुद्ध 436 तुगलकवंशी सुरुतान नन्दवशी समार 438 सैयदवंशी समार माय शो , 433 लोदीवंशी बादशाह कलिंगवंशी खारवेल 44: मुगनवंशी सम्राट महाराजा विक्रमा दत्य 443 गरिवंशी ., पल्लववंशी समाट 444 अकबर सम्राट जैनधर्मी ? कदम्बाशो , 446 जहांगीर बादशाह गङ्गावंशी , 449 शाहजहाँ , चालुक्यांशो , 463 औरङ्गजेब , राष्ट्रकूटवंशो 458 मोहम्मदशाह ,, राठौरवंशी , 461 हैदरअली नरेश सोलंकीवंशी , 482 नवाब हैदराबाद चौहानवंशी , 463 अंग्रेजी राज्य परिहारवंशी राजपूत 465 भारत की स्वतन्त्रता भग्नकुल के समाट 467 गणतन्त्र राज्य 486 487 487 488 488 480 480 490 493 494 44 495 495 495 495 499 503 Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
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