Book Title: Tulsi Prajna 1993 10
Author(s): Parmeshwar Solanki
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text
________________
८. अश्रु वाणी ५ ९. तत्रैव २९ १०. तत्रैव ४६ ११. मेघदूत १२. अश्र वीणा १८ १३. तत्रैव ६३ . १४. तत्रैव ५६, ५७ १५. मेघदूत-उत्तर० ४६ १६. तत्रैव-उत्तर० ४९ १७. अश्रु वीणा १५ १८. तत्रैव २१ १९. तत्रैव २२ २०. मेघदूत - उत्तर० ४३ २१. कुमार सम्भव ५.५६ २२. अश्र वीणा ३१ २३. उत्तरराम चरित-तृतीय अंक २४. अश्रु वीणा २१ २५. भगवत महापुराण १०/२९/३४ २६. अश्रु वीणा २३ २७. तत्रैव २४ २८. मेघदूत २९. अश्र वीणा २६ ३०. तत्रैव ७३ ३१. तुलसी प्रज्ञा खण्ड १८, अंक १, पृ० ४१-४९ ३२. छन्दोमञ्जरी पृ० ८७ ३३. अथ वीणा ८४ ३४. काव्य प्रकाश ८.८७ ३५, तत्रैव ८.८९ ३६. काव्य प्रकाश पर वामन झल कीकर टीका, पृ० ४७४ ३७. अश्रु वीणा २१ ३८. काव्य प्रकाश, बामन झलकीकर टीका, पृ० ४७४ ३९. नारदभक्तिसूत्र (प्रेमदर्शन) २२,२३ ४०. अश्र वीणा २६-२८ ४१. ध्वन्यालोक २.१० ४२. काव्यप्रकाश ८.७०-७१
खंड १९' अंक ३
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126