Book Title: Tulsi Prajna 1993 10
Author(s): Parmeshwar Solanki
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 47
________________ २६. तत्त्वार्थराजवार्तिक ७/१/१५ २७. पुरुषार्थसिद्धयुपाय १२९,१३४ २८. चारित्रसार १३/३; पञ्चधाणुव्रत रात्यभुक्तिः षष्ठमणुप्रतिम आचारसार ५/७०७१ २९. आराधना २/१२,१३; फुन रात्रीभोजन प्रति पचखू, निशीभोजन नां नेमो जी रे। तीन करण ने तीन जोग करि जीवजीव लग एमो रे ॥ पंच महाव्रत फुनव्रत छठो, अन्त समय अणगारो जी रे । इहविधि उचरै समभावे करि, आणी हरस अपारो रे ।। ३०. सूत्रकृतांग १/६/२८ : से वारिया इस्थि सराइमत्तं २०६ तुलसी प्रज्ञा For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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