Book Title: Tandul Vaiyalia Payanna Sarth
Author(s): Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalassagarsun Gyanmandie अर्थ: ॥ 1॥ तंडुल0 नवे अबीन ॥ १३ ॥ वाससयान यमं । परण जा होइ पुच्चकोमोन ॥ तस्स अ मिलाया। सवान य वीसजागो य ॥१४॥ रत्तुक्कडा यछ। लस्कपुहुत्तं च बारस मुहुना ।। पिनसTE , तया पुरुष पंचोतेर वर्षवाद निर्बीज प्राय . ॥ १५॥ नपर कहेलुं प्रमाण एकसो वर्ष ना आयुवाळानुनुं जाणवू; तथा ते अपरांत वेक पूर्वक्रोमसुधिना आयुवाळानमा स्त्रीननी अही आयुष्यबाद योनि निर्बीज थाय बे, तथा पुरुषद् दीये तना आयुना ज्यार वीसमा नाम वाकी रहे. त्यार निर्वीज ग्राय .॥१॥ तुकाळमां आवेली स्त्रीनी योनि मां नत्कृष्टा वारमुढूनसुधिमा बेसाखी नव लाखसुधि जीवा नत्पन्न प्रायं. तथा नत्कृष्टी एक जीवना पितानी संख्या वसोनी नवला सुहिनी होय छे. (आ पितानी संख्या कष्ट संघयणवालां गायआदिक तियनानी होय बे, तेमाटे विशेष खुलासो जगवतीस्त्री जाणवी )तया FFIF1f9FUFAE31 IFa For Private and Personal Use Only

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