Book Title: Tandul Vaiyalia Payanna Sarth
Author(s): Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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तंडुल
॥
गुया अश्वमोमचारुरूवा नोगुनमा, नोगलस्कणघरा, सुजायमचंगसुंदरंगा, रनुप्पलपनम| करचरणकोमलंगुलितला, नगनगरमगरमागरचक्कंकवरल स्करांकियतला, सुपाठियकुम्मचारुचलणा, आणुपुचिंसुजायपीवरंगुलिया, नन्नयतणुतंवनिइनहा, संठियसुसीलठगूढगुंफा, ए( कोकशास्त्रादिकमां कहेला ) लोगोना प्रकाराने धारण करनारा, सार) रीते गोठवायला ने सर्व अंगो जेमा एनां शरीरवाळा, लाल पांखडानना कमलसरखा दाय अन पगोमा कोमलने आंगली तथा तलीयां जेननां एवा, पर्वत नगर मगरमच समुनया चक्रथी अंकित श्रयेला उत्तम लक्षणोश्री नितांडे तलीयांन जेमना एवा, अनुक्रमे सारीरीते गोठ- Emo!! वायेली तथा पुष्ट ने आंगली जेननी एवा, नंचा सूक्ष्म राता तथा चिकणा ठे नखो जे| मना एवा, सारीरीते गोठवायला, संश्लिष्ट अयेला तथा गुप्त ले ( गुल्फो) धुंटी जेननी ।
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