Book Title: Tandul Vaiyalia Payanna Sarth
Author(s): Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 51
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir तंडुल० t atkalNESEANIFIED ते णं मणुपा नहस्सरा मेहस्सरा हमसरा कोंचस्लरा नंदिस्सरा नंदिघोसा अयः मीइस्सरा सीदघोसा मंजुस्तरा मंजुघोसा सुस्सरा सुस्सनिग्घोसा अपलोमवानवेगा कंकग्गदणीकवोयपरिणामा, सनणीपासपितरोरुपरिणया, पनमुपलसुगंधनिसाससुरनिवय★ मनुष्यो हता.) वळी ते मनुष्यो जलप्रवाहजेवा स्वरवाला, मेघजेवा स्वरवाला, हंसजेवा स्वरवाला, क्रौंच जेवा स्वरवाला, नंदिनामना वाजिबसरखा स्वरवाला, तेज वाजिबसरखा घोषवाला, सिंहसरखा स्वरवाला, मिंहसरखा घोषवाला, कोमल स्वरवाला, कोमल घोषवाला, नत्तम स्वरवाला, नुत्तम स्वर तथा निर्घोषवाला, पुंना वायुसरखा वेगवाला, कंक नामना पक्षिनीपेठे (आहारादिक ) ग्रहण करोने पारापत (पारवां ) सरखी जगनिवाळा, शकुनी। SEkatment) acili For Private and Personal Use Only

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