Book Title: Tandul Vaiyalia Payanna Sarth
Author(s): Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
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पुढची पुप्फफलाहारा तेणं मणुयगणा पत्रना, पासीय समणानमो पूच्विं मणुयाणं उधिदे अर्थः
रणे पन्नने, तं जहा-बजरिमहनारायसंघयण परिसहनामयमंघयणे २ नारायसंघयणे अनागयमंघयणे कीलियासंघयणे ५ बमंघयणे ६.
संपइ खलु पानसो मणुयाणं डेक्छे संघयणे वट्ट. आलिय आनमो! पूविं मणुयागं अने पृथ्वीपर ( नगतां ) पुष्प फलोनो आदार करनारा, एवा ते मनुष्योना समूहो कहेला E. वली दे आयुष्मन माधु! ते पूर्वना मनुष्योना प्रकारनां संघयणो एटले शरीरना बां. | धा कहेला , ते नीचेप्रमाणे-बजरुषजनाराच संघयण १ झपन्ननाराचसंघयण २ नाराच- ५२॥ | संघयण । अईनाराचमंघयण ४ कीलिकासंघयण ५ अने वसंघयण इ.
बली हे आयुष्मन ! हालना समयमा माणसोनुं व संघयण वर्ने . नली हे आयु.
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