Book Title: Tandul Vaiyalia Payanna Sarth
Author(s): Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 73
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir तंडुल प्रमाणस्स ॥ १७ ॥ राइदिएण तीसं तु । मुदुनाणं नवसया न मासेणं ॥ हायंति पमनाणं अर्थः । न य णं अबुहा वियाति ॥ १५॥तन सहस्से सगले । उच्चसए ननवरे हर आनं॥ ॥ 1. देमंते गिलासु य । वासासु य होश नायवं ॥ २० ॥ वातसयं परमानें । इनो पन्नास हर ___एवी रीते (नपर जणाव्यामुजब ) एटला एकसो वर्षना श्रायुवाळाना श्वासोश्वास जाणवा, माटे एवीरी ते रातदिवस कय पामता आयुनो विनाश हे जव्यो! तमो जुन ? ॥ ॥१०॥ प्रमादी माणसोना एकरात्रिदिवसना त्रीस मुहूनों, अने एक मासना नवसो मुहू. नों नकामा जाय , परंतु (ते बाबतने ) ते अज्ञानीन जाणता नथी॥ १५ ॥ ( जींदगी-En ना) प्रणहजार शकलो तथा हेमंत ग्रोष्म अने वर्षा ( तथा नपलकणयी शिशिर वसंत 8 अन शरद ) मळी उसो शतुन आयुने हरेले एमजाणवू. ॥२०॥ एकसो वर्षोन (श्रा कालमा) | AMELFARREARNERBERNETELEBRIELD BENEFastSIDEBEEHAFIR For Private and Personal Use Only

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