Book Title: Tandul Vaiyalia Payanna Sarth
Author(s): Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir
तंदुल०
॥20
॥
+1FFATAFFIFESENESSFET
विव दुगंडलिकान, अविसापन, गठियान, दुरूवव वारान, अगंन्नीगन, अविनामगिजाने, अववियान, दुस्कस्कियान, पुस्कपालियान, अश्कगन, ककसान, दरान, रूममोहम्गम
मनान, नयगगश्कुडिलदिययान, एकंतहरिणकालान, कनारगश्चगणनमान, कुलमयणमि| वालायक, सुखें जेनो (खराव चालश्री अटकाववामाटे) नपाय के तेवी, गनिस्ता विनानी, विश्वास नहीं करवालायक, अनवस्थावाळी (बोलीने फरीजाय तेवी), दुःखें जे. नु रक्षण शके तेवी, पुःखें जेनु नरणपोषण प्रश्शक तेवी, अतिशय करनारी (लीधी वातने नदी बीडनारी, हठीली), कर्कश (मर्मनां वचनो बोलनार), दृढ़ बैरवाळी, (पो. तानां ) रूप अने सोनाग्यना मदश्री नन्मन अयेल), सर्पनी गतिसरखां कुटिल हृदयवाळी, एकांत काळोयार हरिणसरखी (वाळी बळे नही तेवी), वनवासगमनना स्थानसरखी (न
RELIEFFEEAGUEUEURIAvansaram
१०७
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122