Book Title: Tandul Vaiyalia Payanna Sarth
Author(s): Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 69
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir तंडल दोनालिया मुहुनो । सटिं पुण नालिया अहोरनो ॥ पनरद अहारना । परको पस्का अर्थः दुवे मासो ॥६॥ दाडिमपुप्फागारा । लोहमई नालिया न कायथा ॥ तीसे तखंमि विहं ।। ॥३३॥ हिप्पमाणं पुणो वुवं ॥ ७ ॥ उन्नवापुचवाला | तिवासजायाए मोतिहाणीए ॥ संवलिया । | नज्जुय । नायवं नालियाविदं ॥ ७ ॥ अहवा न पुचवाला । गसजायाए गयकरेणूए ॥ दो। एक मुहूर्त श्राय अने साठ घडाउनो एक राखिदिवस घाय, पनर रात्रिदिवसोनो एक पक्ष घाय, तथा बे पक्षोनो एक मास श्राय ॥ ६ ॥ दामिना फुलना आकारजेवी लोखंडनी घडी (नालिका) करवी, तथा तेने तलीए (एक) वि करवू, हवे ते वितुं प्रमाण कहुं ॥६॥ छु ॥ ७॥ गायना वय वर्षना वाबरडाना पुंउडांना उन्नु वाळोने एका करी सिलवणवाथी (तेनी जेटली जामा प्राय) तेटलुं ते. नालिकानुं नि जाणवू ॥॥ अथवा बे वर्षोनी । MERaaratnagar.nageme 1169999 For Private and Personal Use Only

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