Book Title: Tandul Vaiyalia Payanna Sarth
Author(s): Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 44
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shn Kailassagarsun Gyanmandir तंडुल जायपासा, मिरमाईयपीगरईयपासा, अकरंडुवकणगरुयगनिम्मलसुजायनिरुवदयदेहधारी, अधः पसबनीसलस्कराधरा, कणगसिलातलुज्जलपसप्तमतला, नचियविनिमपिहुसबवा, सिरि॥४॥ | वछंकियवला, पुरवरफलिहवाट्टयनूया, नूयंगीतरविनलनोगप्रायाणफलिइनबूढदीदवादु, जु न नदरवाला, कमलसरखी प्रफुल्लित नानिवाला, मलला पाखांनाळा, नडतानतरता पा| सावाला, सुंदरपासावाला, सारीरीते गोरवेल पासावाळा, प्रमाणयुक्त अने पुष्ट बनेलं पासा वाला, पृष्टना हाडकां न देखाय तेवीरीते, तथा सुवर्णसरखी कांतियुक्त, निर्मल, सारीरीते | गोठवायेल अने रोगादिकधी रहित शारीरने धरनारा, उनम वत्रीस लकणोने धरनारा, सु. Eai. वर्णनी शिलातलसरखा नज्ज्वल मनोहर अने सपाट डे तलीयां जेनना एवा, पुष्ट विस्तीEM तथा पहोळी गती जेननी एका, नगरनी नांगळसरखी वर्तुल ने भुजान जेनी एवा, 19893EIFEFIFSFES1 44中中中中中山中山中中中中中中中中中中中4+山中 For Private and Personal Use Only

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