Book Title: Tandul Vaiyalia Payanna Sarth
Author(s): Shravak Hiralal Hansraj
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

View full book text
Previous | Next

Page 32
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir DEBENERSERIFIES तंड्ल० कमण दसदमा एवमादिङति, तं जहा-बाला कीडा मंदा ३ बलाय ४ पन्नाय ५ हाणिय पवैचा ७ ॥ पारा समुही सा-यणी य दसमी य कालदमा १० ॥ जायमिनस्स बालस्त । जाला पदमिया दसा ॥ न त सुहदुरकं वा । नहु जाति बा. लया ॥ ॥ बीयं च दमं पनो। नागाकीडादि कीमई॥न य मे कामनांगेसु । तिवानलादशा १, क्रीडादशा १, मंददशा ३, बलदशा ४, प्रज्ञादशा ५, हानिदशा ६, प्रपंचदशा प्राग्नारदशा ७. संमुहीदशा ए, तथा दशमी शयनसरखी कालदडशा १0 जाणवी ॥ ७॥ जन्मेला बालकनी जे पेहेली दशा होय, तेनी अंदर तेने सुख दुःख हातुं नथी, केमके बालकोने तेसंबंधि ज्ञान होतुं ननी, माटे ( ते पेहेली बालदशा जाणवी ) ॥ ॥ हवे बीFI जी दशाने प्राप्त श्रयेलो ते जोव नानाप्रकारनी क्रीमा करे , परंतु त्यारे तेने कामनागोनी ।। FEFFE EFFE #RUFETESE For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122