Book Title: Swadeshi Chikitsa Aapka Swasthya Aapke Hath
Author(s): Chanchalmal Choradiya
Publisher: Swaraj Prakashan Samuh

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Page 17
________________ अन्यथा एक खटाला गाड़ी में बैठकर दुःखद व बाधापूर्ण यात्रा करनी पड़ेगी और बीच राह में ही गाड़ी के खराब हो जाने से आगे की यात्रा के लिए असमय ही नया शरीर रूपी वाहन खोजना पड़ जाएगा। स्वास्थ्य हेतु प्राकृतिक नियमों का .. पालन अनिवार्य . . एक साधारण से यंत्र वाहन अथवा कम्प्यूटर जैसे उपकरण से भी उचित व निर्विघ्न सेवा प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि उसके निर्माता द्वारा बतलाई हुई संचालन नियमावली (Operating Instruction) के अनुसार ही उसे चलाया जाए। नियमित उचित सफाई.द्वारा उसे खराब होने से बचाया जावे ताकि उसमें वे ही तरल पदार्थ (Lubricant) डाले जाएँ जो उस उपकरण की कार्य क्षमता में अवरोधक न बन उसे सुचारू रूप से चलाने में सहायक हो। तब क्या इस . दुनिया की सर्वोतम मानव शरीर रूपी मशीन से पूर्णकाल तक निर्विघ्न सेवा प्राप्त करने के लिए, इसकी नियमानुसार देखभाल करना आवश्यक नहीं है ऐसा कैसे संभव हो सकता है? जैसे नियमित सर्विस, उत्तम श्रेणी का तेल व जल उचित मात्रा में प्रयोग करने व उसकी ट्यूनिंग भंग नहीं होने देने से कोई भी वाहन उत्तम सेवा. देता है, वैसे ही उचित आहार-विहार, आचार-विचार, रहन-सहन एवं प्रकृति के साथ तालमेल रखने से यह शरीर भी स्वस्थ रहता है तथा अपनी पूर्ण अवधि तक निर्विघ्न सेवा प्रदान करता है। अतः शरीर की गर्भकाल से ही उचित देखभाल करनी चाहिए। अधिकांश प्रचलित चिकित्सा पद्धतियाँ, जितना रोंगों के उपचार को महत्त्व देती है, उतना रोगों की रोकथाम को नहीं देती। स्वास्थ्य मंत्रालय का जितना बजट रोगों के उपचार का होता है, उससे. शतांश भी रोगों की रोकथाम हेतु नहीं होता। स्वास्थ्य के प्रति स्वयं की सजगता आवश्यक - शरीर, मन और आत्मा के बारे में अधिकांश व्यक्तियों को जानने, सोचने, समझने की जिज्ञासा ही नहीं होती। स्वास्थ्य के बारे में हमारी सोच पूर्णतया सही नहीं होती.। क्या गलत? क्या ठीक? क्या उचित? क्या अनुचित? क्या प्राथमिक, अति आवश्यक? क्या साधारण, क्या करणीय? क्या अकरणीय? प्रत्येक तथ्य का कारण एवं मूल क्या? क्यों? कब? कितना जानने का प्रयास करें, समस्या अथवा रोग का पता लग जाएगा। शरीर क्या स्वीकार करता है और क्या नहीं. समझ में - आ जाएगा। . हमारी अधिकांश गतिविधियाँ प्रायः विज्ञापन पर आधारित अन्धानुकरण की . होती है। प्रायः उनके साथ मन और मस्तिष्क न जुड़ने से व्यक्ति स्वयं पर पड़ने वाले अच्छे अथवा बुरे प्रभावों की समीक्षा नहीं करता। उदाहरण के लिए प्रातःकाल . . स्प ___16

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