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... उपयुक्त नियमों के पालन से मानसिक विकार दूर हो जाते हैं तथा मन निर्मल, पवित्र और शुद्ध हो जाता है और तब ही ब्रह्माण्ड में व्यापत प्राणऊर्जा का अधिकाधिक आकर्षण और प्रवाह सम्भव होता है तथा रेकी की प्रभावशालिता अगणित हो जाती है। .
जैन दर्शन में भी द्वादशांग योग के रूप में चर्चित निर्जरा चिकित्सा के पूर्व साधक को पाँच महाव्रतों और श्रावकों के लिए बारह व्रतों का पालन आवश्यक बतलाया गया है। उसके.बिना शारीरिक, मानसिक और आत्मिक विकारों से मुक्ति नहीं मिल सकती।
यम-नियम के पालन से शरीर में अवयव रसायन युक्त हो जाते हैं, अर्थात् उनमें रोग निरोधक क्षमता बढ़ जाती है तथा मनोबल बढ़ जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है। . क्या वाणी स्वास्थ्य को प्रभावित करती है ?
भावों, विचारों, अभिव्यक्ति एवं संवाद का सशक्त माध्यम है-वाणी । विचार जब तक मन में रहते हैं, भाव कहलाते हैं, परन्तु जब वे वाणी के माध्यम से अभिव्यक्त हो जाते हैं, तो सार्वजनिक हो जाते हैं, मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है, जिसको मन के साथ-साथ वाणी की प्राप्ति होती है। मधुर वाणी हृदय की मधुरता, कठोर वाणी भावों की कठोरता, असम्बन्धित वाणी विचारों की अस्त-व्यस्तता की परिचायक होती है। वाणी में व्यक्ति का व्यक्तित्वं झकलता है। मन में घबराहट . . अथवा काँपने से वाणी भी काँपने लगती है। दृढ़ मनोबल और आत्म विश्वास से वाणी में ओज. आता है। स्वर दृढ़ हो जाता है। आशंका अथवा भय में स्वर धीमा हो जाता है, उसमें अस्पष्टता आ जाती है। वाणी ज्ञान और चिन्तन के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वक्ता की वाणी के प्रभाव से समझने की क्षमता बहुत बढ़ जाती है। जो भाषा नहीं जानते उस भाषा में कही गई बात को विशेष प्रभाव नहीं पड़ता।
. वाणी का सम्बन्ध शब्दों से होता है। भाषा उसकी अभिव्यक्ति का माध्यम होती है। भाषा के द्वारा होने वाली आत्म प्रवृत्तियों को वचनस् योग कहते हैं। वाणी मन द्वारा परिष्कृत होकर ही प्रकट होती है। जब मन में कहते सरलता, पवित्रता होती है तो वाणी मधुर और शुद्ध होती है, परन्तु जब मायावृत्ति होती है तो वाणी अपवित्र हो जाती है। शब्द की तरंगों में अपार शक्ति होती है। जो हम बोलते हैं, उन शब्दों की तरंगें क्षण मात्र में सारे संसार में फैल जाती है। इसी कारण तो मोबाइल फोन से हम दुनिया में किसी भी क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति से बातचीत कर सकते हैं। टी.वी., रेडियो, टेलीफोन आदि उपकरण ध्वनि की शक्ति से ही कार्य करते हैं। वाणी का शरीर और मन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। .
: शब्द में अनन्त शक्ति होती है। प्रत्येक अक्षर शक्ति से ओत प्रोत होता
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