Book Title: Swadeshi Chikitsa Aapka Swasthya Aapke Hath
Author(s): Chanchalmal Choradiya
Publisher: Swaraj Prakashan Samuh

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Page 24
________________ I उठने-बैठने एवं दौड़ने के बवाजूद शरीर की कोई भी नाड़ी अपना स्थान नहीं छोड़ती। यदि हम शीर्षासन करें तो हृदय अपना स्थान नहीं छोड़ता । शरीर के सभी अंग, उपांग, नाड़ियाँ, हड्डियाँ, हलन चलन के बावजूद कैसे अपने स्थान पर स्थिर रहते हैं? वास्तव में आश्चर्य है । शारीरिक क्षमताओं का दुरूपयोग अनुचित यदि कोई लाखों रूपए के बदले आपके शरीर का कोई अंग, उपांग अथवा इन्द्रियाँ आदि लेना चाहे तो यथा-सम्भव कोई व्यक्ति नहीं देना चाहेगा। क्योंकि पैसों से उन अंगों को पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता। यहाँ तक लाखों रूपयों के बदले . यदि आपको 15 मिनट श्वास रोकने का आग्रह करे तो क्या आप ऐसा करना चाहेंगे? नहीं ! कदापि नहीं । मृत्यु के पश्चात् उस पैसे का क्या उपयोग ? क्या हमने कभी सोचा कि ऐसी अमूल्य श्वांस से जो हमें प्रतिक्षण निःशुल्क मिल रही है, उसे हम बराबर तो ले रहें हैं अथवा नहीं? इतने अमूल्य मानव जीवन का उपयोग हम कैसे कर रहे हैं? यदि कोई रूपयों के नोटों के बण्डल को चाय बनाने के लिए ईंधन के लिए जलाए तो हम उसे मूर्ख अथवा पागल कहते हैं। तब इस अमूल्य मानव जीवन की क्षमताओं का दुरूपयोग अथवा अपव्यय करने वालों को क्या कहा जाए? बुद्धिमान व्यक्ति के लिए चिन्तन कां प्रश्न है? कहीं हमारा अचारण अरबपति बाप के भिखारी बेटे जैसा तो नहीं, जो अपने पास अपार सम्पत्ति होते हुए भी अपने आपको भिखारी, गरीब, दरिद्र मान दर-दर भीख मांग रहा है? उसी प्रकार जिस शरीर में इतने अमूल्य उपकरण हो, उस शरीर में अपने आपको स्वस्थ रखने की व्यवस्था न हो, कैसे सम्भव है? जरा चिन्तन करें, कहीं मानव जीवन रूपी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ गाड़ी हमारी स्वछन्द मनोवृत्तियों रूपी अनाड़ी ड्राइवर के हाथों में तो नहीं है? पेट्रोल की गाड़ी को केरोसिन से कब तक ढंग से चलाया जा सकता है। ठीक उसी प्रकार जीवन में सद्गुणों रूपी ऊर्जा के रूप में उपलब्ध सनातन सिद्धान्तों पर आधारित प्राकृतिक जीवन शैली रूपी पेट्रोल के स्थान पर दुर्गुणों और अप्राकृतिक जीवन जी- कर कैसे स्वस्थ रहा जा सकता है ? चिन्तन का प्रश्न है । शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती ह प्रत्येक अच्छे स्वचालित यंत्र में खतरा उपस्थित होने पर स्वतः उसको ठीक करने की व्यवस्था प्रायः होती है। जैसे बिजली के उपकरणों के साथ ओवरलोड, शार्ट सर्किट, अर्थ फाल्ट आदि से सुरक्षा हेतु फ्यूज, रीलें आदि । प्रत्येक वाहन में ब्रेक होता है ताकि आवश्यकता पड़ने पर वाहन की गति को नियंत्रित किया जा सके। ठीक उसी प्रकार मनुष्य शरीर में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ स्वचालित, स्वनियंत्रित मशीन में रोगों से बचने की सुरक्षात्मक व्यवस्था न हो तथा रोग होने 23

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