________________
जयाप अध्याय -- 5
.
.
.
आधुनिक विज्ञान और स्वास्थ्य
विज्ञान क्या है? - किसी भी वस्तु के सुक्ष्मावलोकन एवं विश्लेषण से प्राप्त यथार्थ ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण का मतलब ऐसी क्षमता से कार्य करना है जिसमें कम से कम निवेश में लाभ अधिक से अधिक हो तथा हानि और दुष्प्रभाव भी कम से कम हो। सत्य की खोज का नाम विज्ञान है। अर्थात् विज्ञान का मतलब पूर्ण ज्ञान, सम्यक् ज्ञान । विज्ञान सत्य को स्वीकारता है और झूठ को नकारता है। उसका एक मात्र आग्रह, पूर्ण सत्य पर होता है। जैसे जैसे आंशिक अथवा अधूरे सत्य की पोल खुलने लगती है वर्तमान की वैज्ञानिक मान्यता को भविष्य में अवैज्ञानिक करार दे दिया जाता है। अर्थात् जो सत्य को परिभाषित करता है, वही विज्ञान है। विज्ञान का आधार होता है – “सच्चा सो मेरा-* न कि – “मेरा जो सच्चा-"। वास्तव में जो सत्य है उसको स्वीकारने में किसको आपत्ति हो सकती है। परेशानी तो तब होती है जब विज्ञान के नाम पर आंशिक तथ्यों पर आधारित, अधूरे सत्य को पूर्ण बतलाने का प्रयास किया जाता है। कभी कभी अपनी बातों को वैज्ञानिक बतलाने हेतु मायावी आँकड़े, झूठे भ्रामक विज्ञापनों एवं संख्या बल का सहयोग लिया जाता है तथा वास्तविकता एवं सनातन सत्य को नकारा जाता है। अपनी पद्धतियों को वैज्ञानिक तथा अन्य पद्धतियों को अवैज्ञानिक बतलाने का दृष्प्रचार किया जाता है। हमारा दृष्टिकोण संकुचित हो जाता है। विज्ञान के मूल मापदण्ड गौण होने लगते हैं। किसी भी तथ्य को वैज्ञानिक मानने के लिए अंतिम परिणामों की एकरूपता भी आवश्यक है, भले ही वह प्रयोग किसी के द्वारा कहीं पर भी क्यों न किया गया हो। ...... आधुनिक चिकित्सकों का अपनी खोजों की वैज्ञानिकता सिद्ध करने का दावा लगभग प्रायः ऐसा ही लगता है। विशेषकर स्वास्थ्य के नाम पर आयोजित होने वाले कांफ्रेंसों में प्रस्तुतीकरण का ऐसा ही आधार होता है। वैज्ञानिक शोध का आधार होना चाहिए अंतिम परिणामों का स्पष्ट प्रकटीकरण । अर्थात् लाभ और हानि
.
का
__*
-41