Book Title: Swadeshi Chikitsa Aapka Swasthya Aapke Hath
Author(s): Chanchalmal Choradiya
Publisher: Swaraj Prakashan Samuh

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Page 49
________________ आधुनिक चिकित्सा को सर्वेसर्वा मानने 7 का दुष्परिणाम आधुनिक चिकित्सा पद्धति को अत्याधिक महत्त्व मिलने तथा सरकारी मान्यता, सहयोग और संरक्षण मिलने के कारण अधिकांश डाक्टरों में वैकल्पिक चिकित्साओं के प्रति गुण ग्राहवता नजर नहीं आती। कभी-कभी तो वे अनायास उन पर बिना सोचे-समझे आरोप अथवा मिथ्या प्रचार करते तनिक भी नहीं हिचकिचाते। जनमानस की उनके प्रति अटूट आस्था होने से उनके कथनों का जनता पर ज्यादा 'और जल्दी प्रभाव पड़ता है। क्लोन, जीन और टेस्ट ट्यूब बेबी के सफल परीक्षणों के कारण अब चन्द स्वास्थ्य वैज्ञानिक जनम और मृत्यु के नियंत्रण का दावा करते हुए भी संकोच नहीं करते। विज्ञापन, अन्धानुकरण, भीड़भाड़ वाले शीघ्रता के इस युग में अज्ञानवश अपनी क्षमताओं से अपरिचित होने के कारण तथा प्रकृति के सनातन सिद्धान्तों और आयुष्य कर्म के सिद्धान्तों पर विश्वास न होने के कारण आज के 'डाक्टरों को भगवान से ज्यादा महत्त्व मिल रहा है। कभी कभी डाक्टर ऐसा कहते सुने गए हैं कि समय पर डाक्टर की उपलब्धता के कारण रोगी को मृत्यु से बचाया जा सका, मानो अस्पतालो में डाक्टरों की उपस्थिति में शायद ही कोई मरता हो दुष्प्रभावों की उपेक्षा तथा रोगी की विवशता के कारण मानव सेवा का यह कार्य मात्र स्वार्थ-पोषण और अर्थ उपार्जन तक सीमित होता जा रहा है। रोगी को निदान और उपचार के सम्बन्ध में उत्पन्न शंकाओं का सही समाधान नहीं बतलाया जा रहा है, परिणामस्वरूप अपनी असजगता के कारण आज रोगी डाक्टरों की प्रयोगशाला बन सकता है। आधुनिक चिकित्सा को सरकारी मान्यता एवं सहयोग मिलने के कारण अन्य चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े चिकित्सकों की मानसिकता बदलने लगी है। अपने सिद्धान्तों के आधार पर निदान कर उपचार करने के स्थान पर एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति के निदान को आधार मान अधिकांश वैकल्पिक चिकित्सक अपनी-अपनी चिकित्सा पद्धतियों द्वारा रोगियों का उपचार कर रहे हैं। वैकल्पिक चिकित्सा के क्ष में यदि कोई एलोपैथिक डाक्टर अपना मन्तव्य दे देता है तो उसे बढ़ा चढ़ा कर प्रचारित और प्रसारित किया जाता है, परन्तु स्वयं की पद्धतियों से पूर्ण मनोवेग से • जुड़े अनुभवी चिकित्सकों के परिणामों और अभिव्यक्तियों को आत्मविश्वास के साथ नहीं स्वीकारा जाता। जो चिकित्सा पद्धतियाँ दूसरी पद्धतियों के दृष्टिकोण एवं विचारों को आधार बना अपनी गुणवत्ता और प्रभावशाली क्यों न हो, ऐसे चिकित्सकों में प्रायः स्वयं की तथाकथित वैकल्पिक चिकित्सा के प्रति आत्मविश्वास का अभाव होता है। '48

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