Book Title: Swadeshi Chikitsa Aapka Swasthya Aapke Hath
Author(s): Chanchalmal Choradiya
Publisher: Swaraj Prakashan Samuh

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Page 54
________________ आधुनिक चिकित्सा को प्राथमिकता क्यों? स्वास्थ्य विज्ञान की भौतिक उपलब्धियों तथा रोगों में तुरन्त राहत दिलाने की क्षमता के कारण, आज का मानव आधुनिक (एलोपैथिक) चिकित्सा पद्धति से अत्यधिक प्रभावित है। उसी को वैज्ञानिक मानता है क्योंकि एलोपैथिक चिकित्सा के पास जनसाधारण को आकर्षित करने हेतु सशक्त तर्क, निदान एवं उपचार हेतु काम में लिए जाने वाले नीवनतम उपकरणों की सुविधाएँ हैं तथा रोग को दबाकर शीघ्र .. राहत पहुँचाने वाली कला है। अपने प्रयोगों, परीक्षणों के परिणामों की सफलता एवं उपलब्धियों के आंकड़ों को व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करने का तरीका है। प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता? उपर्युक्त सारी बातें अन्य चिकित्सा पद्धतियों में प्रायः न तो सरल हैं और न ही इतनी व्यवस्थित ढंग से अभी तक उपलब्ध हैं। आधुनिक चिकित्सा पद्धति के दुष्प्रभावों के बावजूद जनसाधारण का उसके प्रति इतना आकर्षण क्यों? इसका मुख्य कारण वैकल्पिक चिकित्साओं में आवश्यकता के अनुरूप अनुभवी चिकित्सकों, व्यवस्थित संचालित अस्पतालों का अभाव है। एलोपैथिक चिकित्सा को सरकारी संरक्षण एवं मान्यता प्राप्त होने के कारण राज्य कर्मचारियों को उपचार हेतु सहयोग दिया जाता है तथा वे इसमें हुए व्यय के भुगतान के लिए वे ही अधिकृत होते हैं, जबकि अन्य चिकित्सा का खर्चा प्राय: मान्य नहीं · होता। तीसरी बात, व्यक्ति अपनी क्षमताओं से अपरिचित होता है। चौथा कारण, . आज का मानव जीवन पूर्णतयां परावलम्बी होता जा रहा है। तात्कालिक राहत प्राप्त करने हेतु वह दुष्प्रभावों को गौण कर देता है। कहने का आशय यही है कि अंज्ञान, अविवेक, सचिन्तन की कमी, धैर्य एवं सहनशक्ति का अभाव होने के कारण ही अधि कांश व्यक्ति आधुनिक चिकित्सा पद्धति को सर्वप्रथम अपनाना चाहते हैं। . कभी-कभी तीव्र रोगों की स्थिति में जिनमें तुरन्त राहत अनिवार्य होती है, जैसे हृदयाघात, तीव्रतमं अस्थमा, चोट के कारण रक्त का बहाव, जलन, विषपान, दुर्घटना आदि में रोगी और परिजन को उपलब्ध सुविधा के अनुसार एलोपैथिक चिकित्सा का ही सहारा लेना पड़ता है। थोड़ी-सी असावधानी अथवा देरी भविष्य में अधिक हानिकारक हो सकती है। ऐसी परिस्थितियों में स्वाभाविक रूप से किसी की भी मानसिकता वैकल्पिक चिकित्सा करवाने की नहीं होती है। इसका यह अर्थ नहीं कि एलोपैथिक चिकित्सा में ही सभी परिस्थितियों का सम्यक् समाधान होता है और वैकल्पिक चिकित्सा में ऐसी परिस्थितियों में तुरन्त राहत पहुँचाने की क्षमता न हो, फिर भी बिना अनुभवी चिकित्सकों के उपचार एवं प्रयत्न किए अन्य वैकल्पिक चिकित्सा को अप्रभावशाली बतलाना न्यायसंगत नहीं। जो अनुभवी चिकित्सकों के द्वारा वैकल्पिक चिकित्सा को अपनाते है, उनके परिणाम भी काफी सन्तोषजनक, स्थायी और अधिक प्रभावशाली होते हैं। .. . .. तकों के 52

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