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श्रमण, वर्ष ५९, अंक ४/अक्टूबर-दिसम्बर २००८
विषय में कुछ भी कहा जाय उसका अवबोध नहीं होता। प्रश्न है अर्थ नामक उपकरण किन तथ्यों को प्रकाश में लाता है। हास्पर्स के अनुसार 'अर्थ' यह बताता है कि शब्द विशेष या वाक्य विशेष किस तथ्य के सूचक हैं। इसके अतिरिक्त वह उसके कारण, कार्य,अभिप्राय, व्याख्या, प्रयोजन,आपादान एवं महत्त्व का भी संकेत करता है। इस परिप्रेक्ष्य में हम विसुद्धिमग्ग पर अपनी दृष्टि डालते हैं तो पाते हैं कि यहाँ भी अर्थ के अन्तर्गत उपरोक्त में से कुछ का प्रकाशन किया गया है, यथा-संकेत- धुतंग से किस तथ्य का संकेत होता है इसे बताने के लिए धुतंग शब्द का शाब्दिक विश्लेषण किया गया है- धुत+अंग। धुत शब्द का शाब्दिक अर्थ है- धुन डालना या नष्ट करना और विशेष अर्थ है- परिशुद्ध करना। विसुद्धिमग्ग में इसके दोनों अर्थों को शीलविशद्धि के आलोक में स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सभी तेरहो धुतंग मानवीय क्लेशों को नष्ट करने का संकेतक है, क्योंकि इनके धारण करने का उद्देश्य चित्तविशुद्धि है। चूँकि भिक्षु इसे अपने अंगों की तरह सदा धारण किये रहते हैं इस कारण ही इसे धुतंग कहते हैं। यहाँ पर संकेत एवं अभिप्राय दोनों की दृष्टि से धुतंग का अर्थ निरूपण हुआ है। कारण (पदट्ठान)- धुतंग ग्रहण करने का आसन कारण है- लोलुपता से रहित होने की इच्छा तथा आर्य श्रेष्ठ धर्मों की प्राप्ति की भावना।कार्य (रस)- धुतंग का कार्य है लोभ तथा वासना का नाश करना।१२
(ख) लक्षण- अर्थात् धुतंगों से रहित होना। धुतंगों से रहित होना ही इसके जानने का आधार है।१३
उपरोक्त विवेचन से स्पष्ट है कि अर्थघटन के उपर्युक्त उपकरण न मात्र पदों के शाब्दिक अर्थ को स्पष्ट करते हैं, वरन् ये उसके आनुषंगिक गुण, कार्य, कारण, विशिष्ट लक्षण आदि को भी सामने लाते हैं। यहाँ पर प्रथम धुतंग, पंसुकूलिकांग' के परिप्रेक्ष्य में प्रथम पाँच उपकरणों की विवेचना प्रस्तुत की जायगी। अर्थ- पंसुकूलिकांग शब्द तीन शब्दों के योग से बना है, पंसु + कूलिक + अंग। पंसु का अर्थ है- पथ, श्मशान, कूड़े का ढेर, धूल इत्यादि। कूल का अर्थ है - किनारा, ऊपर उठा हुआ। अंग का अर्थ है- शरीर को अंगवत् धारण किये रहना। यहाँ अंग शब्द लाक्षणिक अर्थ में प्रयुक्त है। जिस प्रकार शरीर के अंग सदा शरीर के साथ रहते हैं, ठीक उसी प्रकार धुतंग पालन करने वाले को सदा इसकी चेतना बनी रहती है। इस प्रकार शब्दार्थ विश्लेषण के आधार पर यहाँ 'पंसुकूलिकांग' की व्याख्या की गयी है, अर्थ का स्पष्टीकरण किया गया है। यहाँ अर्थ शब्द व्याख्या के अर्थ में प्रयुक्त है।
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