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साहित्य सत्कार : १९५
हम हैं कत्ल किये गये जानवरों की जिन्दा कलें उन जानवरों की, जिन्हें हमने भूख मिटाने के लिए कत्ल के घाट उतारा। यदि मनुष्य की तरह पशुओं को भी अधिकार होते कभी तो? – जार्ज बर्नार्ड शॉ
४०-५० चित्रों से युक्त यह पुस्तक पठनीय ही नहीं, अपितु जन-जन में प्रचारित करने योग्य है तथा प्रचारित कर एक बहुत बड़ा जनमत खड़ा करने में भी यह पुस्तक सहायक बन सकती है। आशा है दोनों संस्थान अपने संयुक्त प्रकाशन से भविष्य में भी पाठकों को लाभान्वित करते रहेंगे, संस्थान एवं संस्थान के पदाधिकारियों को साधुवाद।
डॉ० भद्रेश जैन राष्ट्रीय सचिव : करुणा अन्तर्राष्ट्रीय, चेन्नई
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