Book Title: Sramana 2008 10
Author(s): Shreeprakash Pandey, Vijay Kumar
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 195
________________ १९० : श्रमण, वर्ष ५९, अंक ४/अक्टूबर-दिसम्बर २००८ धर्म प्रभाविका परम पूज्य प्रवर्तिनी साध्वी श्री ॐकार श्री जी म०सा० का महाप्रयाण श्री दादर कच्छी जैन संघ (पूर्व) के प्रांगण में चातुर्मास हेतु विराजमान श्री पार्श्वनाथ चन्द्रसूरि गच्छीय-गच्छवरिष्ठतपस्वीरत्न परम पूज्य मुनिराज श्री विजयचंद्रजी म०सा० की आज्ञानुवर्तिनी एवं शासन - प्रभाविका परम पूज्य प्रवर्तिनी श्रीखांति श्रीजी म०सा० की सुशिष्या धर्मप्रभाविका प०पू० प्रवर्तिनी आर्या ॐकार श्री जी म०सा० का आश्विन सुदी सप्तमी दिनांक ०६.१०.२००८ सोमवार को रात्रि १०.३० बजे समाधिपूर्वक महाप्रयाण हुआ। पूज्याश्री की मांडणी (पालखी) यात्रा दिनांक ०७.१०.२००८ मंगलवार को दोपहर तीन बजे विशाल जनमेदनी के साथ जय-जय नंदा जय-जय भद्दा के उद्घोषपूर्वक सम्पन्न हुआ। पूज्याश्री का कच्छ नांगलपुर गांव के श्री गोसर भाई पूंजा देढिया के कुल में मातुश्री लाखणीबाई की कुक्षि से वैशाख सुदी नवमी वि०सं० १९९० दि० ०९.०५.१९३४ को जन्म हुआ। फाल्गुन सुदी नवमी, वि०सं० २००६ दिनांक २६.०२.१९५० को अहमदाबाद में आप दीक्षित हुईं तथा फाल्गुन सुदि नवमी वि०सं० २०५७ दिनांक ०५.११.२००० सम्मेतशिखर में प्रवर्तिनी पद प्राप्त किया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ में आपके महाप्रयाण का समाचार मिलते ही सभी शोकसन्तप्त हो गये। पार्श्वनाथ विद्यापीठ परिसर में आप दो वर्षों तक अपनी नौ योग्य शिष्याओं के साथ अध्ययनार्थ प्रवास कीं । विद्यापीठ पर आपकी विशेष कृपा थी । आप की प्रेरणा, आपका आशीर्वचन, आपकी स्मृति सदा हमारे साथ रहेगी। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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