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शुभशीलशतक कथानुक्रम
कथाक्रम
कथा-नाम
पृष्ठांक
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१. मेरे दीक्षित शिष्य केवलज्ञानी और मैं? २. मुल्ला की टोपी को आकाश से उतारना.
घट रहित जल का आकाश में स्थिर रहना. क्या प्रतिमा भी बोलती है? वृक्ष का साथ में चलना..
किस दरवाजे से जाऊंगा ५. खल का भोजन करोगे. ६. शक्कर किसमें मीठी लगती है? ७. तालाब छोटा कैसे हो सकता है? ८. मारवाड़ की औरतें अलंकार-रहित क्यों?
देवों में बड़ा देव कौन सा है? जिन प्रतिमाएँ अच्छेद्य होती हैं. अधिक उपयोगी बड़ा फूल कौन सा है? सत्यवादी झूठ नहीं बोलते. जगत में सबसे बड़ा रत्न कौन सा है? न्यासित धन लौटाना. रत्नों का मूल्य भिन्न-भिन्न है.
संघ रक्षण हेतु देवियों को शिक्षा. १७. सुरताण का न्याय.
तकदीर से प्रस्तर भी रत्न बन जाते हैं. १९. भीषण अकाल में जगडू शाह की दानशालाएँ
सेठ जगत्सिंह का गृहचैत्य तीर्थ के समान है. २१. साधर्मिक भक्ति और जगडू शाह. २२. जगत्सिंह की शत्रुजय यात्राएँ. २३. अयोग्य व्यक्ति की पदोन्नति खतरनाक होती है.
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