Book Title: Shripal Charitra
Author(s): Anandsagar
Publisher: Ganeshmal Dadha

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Page 11
________________ मल-याख्यान. . SHSHSHSHSHSHSHSHSHAUS 8. चौथे आरेके अन्दर वीसवें तीर्थङ्कर श्रीमुनिसुव्रतस्वामीके शासन समय मनोहर मालव || द देशान्तरगत धन धान्य पूरिता, अनेक जिनमन्दिरमण्डिता उज्जयनी नामकी एक विशाल ||SI 6 नगरी थी, वहांपर प्रजापाल नामका राजा राज्य करता था, उसके अनेक भार्याओं में से सौभा ग्यसुन्दरी तथा रूपसुन्दरी नामकी दो रानियें मुख्य थीं, इनके परस्पर गाढ प्रीति होनेपर भी है। दोनोके धर्म अलग 2 थे, अतः आपुसमें कभी 2 धर्मवाद हो जाया करता था, पहिली रानी | शिवधर्मको मानने वाली तथा दूसरी जैन धर्मको माननेवाली थी; इस प्रकार समस्तका काल सुखपूर्वक वीतता था.. ... .. अ- - Call Ac Gunratnasuri MS.. Jun Gun Aaradhali

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