Book Title: Shilangadi Rath Sangraha
Author(s): Unknown
Publisher: Unknown
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॥इर्या पथिकी रथः॥१५॥ - उपसम धरेण मासा, कोह विमुको यरिय समिन । पुढ पीजिअ रकंतो, अभिहया तेश्यमावेमि ॥१॥ समिति ५ योग३ केंदी,१ बेइंदी २ तेइंदीइ चरिंदी॥ पंचिंदी ५ अजीय सहित अच १० अनिया प्रमुख १० भेद।
सवर धरल
नवलम गिए
सावधगत ६०००
मासा र०००
बयसा २०००
लिया
कोहाबमुक्का माण चिकामा माया विमुको जाहामुका,
५००
८५००मय-५००
य५००
याय पंचिंदीयाय
जीवो १.
अजीवामजान
जान
भाता
डारथा
सनि २००८
यवनत
समिन
असणा सामन १०69
भिडमन समिन
वाशासित रमायल
ठाएगानूरालल
१०१
१०
१००
चमामिएन
पुरककाइयायाम काइय
बहदिवाय
नन् काड्या वानकाइया बास्सइकाजीपी जाबा
जीयो
१०
कलाम
२० अमिहलाते वलि आत.खलानासियात खनालघाड्यातला संवाद लेखा रकमायनि नानि मामि । माय
निमामि
वारदा विधाता परपप्रादेमि.ई लिमामि

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