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परसे किया गया है जो कि सं० १७१७ की पत्र सं० ३६४ है । आकार १०x४ इंच है। ४२-४३ है ।
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लिखी और बहुत शुद्ध है । इसका क्रमांक २८६ है । प्रति पृष्ठ पंक्ति सं० ९ है और प्रति पंक्ति अक्षर सं०
६. चारित्रसारगत श्रावकाचार
- माणिकचन्द्र ग्रन्थमालासे प्रकाशित मूल चारित्रसारसे इसका संकलन किया गया है और संदिग्धपाठों का संशोधन ब्यावर भवन की हस्त लिखित प्रतिसे किया गया है जो कि सं० १५९८ की लिखी है । इसका क्रमांक ४३१ है । पत्र सं० ७५ है । आकार ११ ।। ४४ ।। इंच है। प्रति पृष्ठ पंक्ति सं० ९ और अक्षर सं० ४० ४१ है । इसका अनुवाद स्वतंत्र रूपसे किया गया है ।
७. अमितगति श्रावकाचार — अनन्तकीर्ति ग्रन्थमालासे प्रकाशित संस्करणपरसे मूलभाग लिखा गया और उसका संशोधन ब्यावर भवनकी प्रतिसे किया गया जो सं० १९४९ की लिखी है। इसके अनुवादमें पं० भागचन्द्रजी रचित ढुंढारी भाषा वचनिकासे सहायता ली गई है।
८. वसुनन्दि श्रावकाचार
-भारतीय ज्ञानपीठ काशीसे प्रकाशित मेरे द्वारा सम्पादित और अनुवादित संस्करणको ही प्रस्तुत संग्रहमें ज्यों-का-त्यों दे दिया गया है। इसका सम्पादन अनेक स्थानोंकी प्रतियोंसे किया गया था जिसका उल्लेख उक्त संस्करणमें किया है । फिर भी यह ज्ञातव्य है कि उस समय भी भवन की सं० १६५४ की लिखी हुई प्रतिपरसे इसकी प्रेस कापी की गयी थी । उसका क्रमांक ३६७ है । आकार ११ × ५ इंच है । पत्र सं० ४१ है । प्रति पृष्ठ पंक्ति सं० ९ और अक्षर सं० २८-२९ है ।
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९. सावयधम्मदोहा —– स्व० डॉ० हीरालाल जैन सम्पादित एवं कारंजासे प्रकाशित मुद्रित प्रति प्रस्तुत संकलनमें आधार रही है, मूल दोहोंका संशोधन ब्यावर - भवनकी हस्तलिखित प्रतिसे किया गया है । जो कि सं० १६०९ की लिखी हुई है । इसका क्रमांक १०५४ है । पत्र सं० ९ है । आकार १२x६ इंच है। प्रति पृष्ठ पंक्ति सं० १४ है और प्रति पंक्ति अक्षर संख्या ३९-४० हैं। इस प्रतिसे अनेक संदिग्ध एवं अशुद्ध पाठोंके शुद्ध करने में सहायता प्राप्त हुई है ।
१०. सागारधर्मामृत - माणिकचन्द्र ग्रन्थमालासे प्रकाशित संस्कृत टीका युक्त मूल ग्रंथ एवं पं० लालारामजी, पं० देवकीनन्दनजी और पं० मोहनलालजी काव्यतीर्थ के अनुवादोंके आधारसे इसका स्वतंत्र अनुवाद किया गया है । विशेषार्थ के रूपमें जो विवेचन है उसमें संस्कृत टीका आधार रही है ।
२१. धर्मसंग्रह श्रावकाचार- - इसके सम्पादनमें पं० उदयलालजी काशलीवाल द्वारा सम्पादित और अनुवादित मुद्रित प्रति आधार रही है। इसके मूल भागका संशोधन ब्यावर भवनकी प्रतिपरसे किया गया है जिसका क्रमांक ८६ है । आकार १४×८ इंच है । पत्र सं० १३० है । प्रति पृष्ठ पंक्ति १६ है और प्रति पंक्ति अक्षर संख्या ४७-४८ है । मुद्रित अनुवादको संशोधित पाठके अनुसार शुद्ध किया गया है और अनावश्यक भावार्थोंको छोड़ दिया गया है ।
१२. प्रश्नोत्तर श्रावकाचार — इसका सम्पादन पं० लालारामजी द्वारा किये गये अनुवादके साथ मुद्रित शास्त्राकार प्रतिपरसे किया गया है। मूल पाठका संशोधन ब्यावर भवनकी
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