Book Title: Samanvay Shanti Aur Samatvayog Ka Adhar Anekantwad Author(s): Pritam Singhvi Publisher: Parshwa International Shaikshanik aur Shodhnishth PratishthanPage 14
________________ अनुक्रमणिका विषय प्रवेश प्रथम प्रकरण अनेकान्त का अर्थ, उसका उद्भव तथा मर्यादा अनेकान्त की खोज का उद्देश्य और उसके प्रकाशन की शर्ते। . द्वितीय प्रकरण • स्याद्वाद, सप्त-भंगी, नयवाद, प्रमाण • स्याद्वाद • सप्त-भंगी • स्याद्वाद के भंगों की विशेषता • नयवाद • प्रमाण तृतीय प्रकरण चार आधार, पांच कारण चार आधार : (i) द्रव्य (ii) क्षेत्र (iii) काल (iv) भाव २९ पांच कारण : (i) काल (ii) स्वभाव (iii) भवितव्यता अर्थात नियति (iv) कर्म अर्थात् प्रारब्ध (v) पुरुषार्थ ३२ चतुर्थ प्रकरण अनेकान्तवादः समन्वय शान्ति एवं समभाव का सूचक पंचम प्रकरण वर्धमान महावीर का अनेकान्तवाद और गौतम बुद्ध का विभज्यवाद - एक तुलना • विभज्यवाद • भगवान बुद्ध के अव्याकृत प्रश्न • लोक की नित्यानित्यता - सान्तानन्तता • जीव - शरीर का भेदाभेद • जीव की नित्यानित्यता • भ. बुद्ध का अनेकान्तवादPage Navigation
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