Book Title: Samanvay Shanti Aur Samatvayog Ka Adhar Anekantwad
Author(s): Pritam Singhvi
Publisher: Parshwa International Shaikshanik aur Shodhnishth Pratishthan

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Page 13
________________ माँ सरस्वती की सेवा कर पा रही हूँ। लेखन कार्य की व्यस्तता के अवसर पर मेरे परिवार के सदस्यों का जो समय-समय पर सराहनीय प्रेरणा व सहयोग मिलता रहा उसे शब्दों में वर्णन करना मुश्किल है। ___ इस पुस्तक को प्रकाशित करने के लिये पार्श्व इन्टरनेशनल शैक्षणिक और शोधनिष्ठ प्रतिष्ठान (अहमदाबाद) प्रति मैं हार्दिक आभार प्रकट करती हूँ। क्रिश्ना ग्राफिक्स, अहमदाबाद को सुन्दर छपाई के लिए धन्यवाद देती डा. प्रीतम सिंघवी

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