Book Title: Prakritpaingalam
Author(s): Bholashankar Vyas, Vasudev S Agarwal, Dalsukh Malvania
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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संकेत-पत्र
पं०
ज, द आदि
पू० अप०
अप० अ.पु०, अन्य पु० अर्धमा०, अ.मा. अव० अवे० अस० आ० भा० यू० उक्तिव्यक्ति उडि० उ० पु० ए० व० कर्ता कर्म करण ख० बो० गुज० द्वि० व०
उदासीन स्वर उदासीन स्वर का दीर्घ उच्चारण | प० अप० विवृत ए,
प० हि० सोष्म द् सोष्म व सोष्म व्यंजन बराबर है,
प्रा० पैं० धातु चिह्न,
प्रा० भा० आ० कल्पित रूप
पु० उत्पन्न हुआ है
पु० हि० उत्पन्न करता है अपभ्रंश
पू० राज अन्य पुरुष
पै० अर्धमागधी
ब० व० अवधी
ब्रज०, ब्र० अवेस्ता
बिहा० असमिया
भूतका० कृदंत आदिम भारत यूरोपीय
म० पु० उक्तिव्यक्तिप्रकरण
म० भा० आ० उड़िया
महा०
मा० उत्तम पुरुष एकवचन
मार०
मै० कर्ता कारक कर्मकारक
राज० करण कारक खड़ी बोली
शौ० अप० द्विवचन
सम्प्र०
संबंध नव्य भारतीय आर्य भाषा
स्त्री०, स्त्री लि. नपुंसकलिंग
हेम०
पंजाबी पश्चिमी अपभ्रंश पश्चिमी हिंदी पृष्ठ संख्या पालि प्राकृत प्राकृतपैंगलम् प्राचीन भारतीय आर्य भाषा पुल्लिंग पुरानी हिंदी पूरबी अपभ्रंश पूरबी राजस्थानी पैशाची बहुवचन ब्रजभाषा बिहारी भाषा भूतकालिक कृदंत मध्यम पुरुष मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषा महाराष्ट्री प्राकृत मागधी मारवाड़ी मैथिली राजस्थानी वर्तमान शौरसेनी प्राकृत शौरसेनी अप० संस्कृत सम्प्रदान कारक संबंध कारक स्त्रीलिंग हेमचन्द्र
वर्त०
शौ०
गुजराती
सं०
३०
देखिए
न० भा० आ० न० पुं०
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