Book Title: Prakrit Vidya 2002 10
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust

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Page 55
________________ ___39. 'सि-अम्' प्रत्ययों का लोप कातन्त्र– “व्यञ्जनाच्च, नपुंसकात् स्यमोर्लोपो न च तदुक्तम्”–(2/1/49; 2/6) । उदाहरण—वाक्, पयः । कच्चायन- “इमस्सिदमंसिसु नपुंसके, अमुस्सा," – (2/2/10-11) । उदाहरणइदं, अदुं। 40. एकार-ओकारादेश कातका- "इरेदुरोज्जसि, सम्बुद्धौ च" – (2/1/55-56)। उदाहरण—अग्नयः, पटव:, हे अग्ने ! कच्चायन- “योस्वकतरस्सोझो, वेवोसु लो च” –(2/1/45-46) । उदाहरणअग्गयो, भिक्खवे, भिक्खवो। . 41. उकारादेश कातन्त्र– “ऋदन्तात् सपूर्व:” – (2/1/63)। उदाहरण—पितुः, मातुः। . कच्चायन- “उ सास्मं सलोपो च" – (2/3/43)। उदाहरण—पितु, मातु। 42. 'आ' आदेश तथा सि-लोप कातला- “आ सौ सिलोपश्च" - (211164)। उदाहरण—पिता, माता। कच्चायन- “सत्थुपितादिनमा सिस्मि सिलोपो च" – (2/3/39) । उदाहरणपिता, माता। ____43. 'अर्' आदेश काता- “अर् औ" – (2/1/66)। उदाहरण—पितरि, मातरि। . कवायन- "अजेस्वारन्तं, ततो स्मिमि, आरो रस्समिकारे"-(2/3/40, 46, 48)। उदाहरण—मातरि, पितरि। 44. 'आर् आदेश काता- “धातोस्तृशब्दस्या" – (2/1/68)। उदाहरण—कर्तारौ, कर्तारः । कच्चायन- “अज्जेस्वारन्तं" -(2/3/40)। उदाहरण-सत्थारं। 45. सि' प्रत्यय का लोप .. कातन्त्र- "इस्वनदीश्रद्धाभ्य: सिर्लोपम्” –(2/171)। उदाहरण हे वृक्ष ! हे अग्ने ! कच्चायन- "सेसतो लोपं गसिपि" -(21410)। उदाहरण-भो राजा। .. 46. 'नु आगम कातका- “आमि च नुः, चतुरः" -(2/1/72, 74)। उदाहरण-नदीनाम्, चतुर्णाम्। - कच्चायन- “नो च द्वादितो नम्हि" – (211/16)। उदाहरण—द्विन्न । प्राकृतविद्या अक्तूबर-दिसम्बर '2002 0053

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