Book Title: Prakrit Vidya 2002 10
Author(s): Rajaram Jain, Sudip Jain
Publisher: Kundkund Bharti Trust
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कच्चायन- “गाव से, योसु च, अवम्हि च" – (2/1/22-24)। उदाहरणगावस्स, गावो गच्छन्ति, गावं ।
56. नलोपादेश कातन्त्र– “अनुषंगश्चाक्रुञ्चेत्” – (2/2/39)। उदाहरण—विदुषः, शीलवत:, बुद्धिमत:। कच्चायन- “तोतिता सस्मिनासु” – (2/2/8) । उदाहरण—गुणवतो, गुणवती, गुणवता।
57. 'अन्' भाग का लोप । कातला- "पुंसोऽन्शब्दलोप:" - (2/2/40)। उदाहरण—पुम्भ्याम् । कच्चायन– “पुमस्स लिंगादिसु समासेसु” – (2/4/12) |उदाहरण—पुल्लिंग, पुमभावो।
58. 'अन्' के अकार का वैकल्पिक लोप कातन्त्र— "ईडयोर्वा" – (2/2/54)। उदाहरण—साम्नी, सामनी। राज्ञि, राजनि। कच्चायन– “स्मिम्हि रज्ञ - राजिनि” – (2/2/19)। उदाहरण—रज्जे, राजिनि।
59. इय्-उन्' आदेश कातला- "ईदूतोरियुवौ स्वरे" – (2/2/56)। द्र.-2/2/57-58 भी। उदाहरण— नियः, लुवः।
कच्चायन- "झलानमियुवा सरे वा" – (211/19)। उदाहरण—अग्गियागारे, पुथुवासने।
60. 'य-व्' आदेश काता - “अनेकाक्षरयोस्त्वसंयोगाद् यवौ” –(2/2/59)। उदाहरण—ग्रामण्य:,
यवल्वः ।
कच्चायन— “यवकारा" – (2/1/20)। उदाहरण—अग्यागारे, चक्ख्वायतनं ।
61. 'इय्' आदेश काता - “वाऽम्शसो:" – (2/2/62)। उदाहरण—स्त्रियम् स्त्रियः। कच्चायन- “अं यमीतो पसातो" – (2/4/13)। उदाहरण—इत्थियं ।
62. 'क' प्रत्यय .कातला- “अव्ययसर्वनाम्न: स्वरादन्त्यात् पूर्वोऽक् कः" – (2/2164)। उदाहरणवत्सक:, वृक्षकः। कच्चायन– “सब्बतो को” — (2/3/18)। उदाहरण—सब्बको, अमुको।
63. वस्-नस्' आदेश कातला- “युष्मदस्मदो: पदं पदात् षष्ठीचतुर्थीद्वितीयासु वस्नसौ”–(2/3/1)। उदाहरण—पुत्रो व:, पुत्रो नः।' ....
कच्चायन—“पदतो दुतिया-चतुत्थी-छट्ठीसु वो नो" – (2/2/28) । उदाहरण
प्राकृतविद्या अक्तूबर-दिसम्बर '2002
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