Book Title: Nyaya Dipika Author(s): Bansidhar Shastri Publisher: Jain Granth Ratnakar Karyalay View full book textPage 9
________________ पृष्ठ. ___पंक्ति. ७५ ७७ 0 50 * ww2 परार्थानुमानका लक्षण. ... ... ... नैयायिकोंके परानुमानका खण्डन.. ... ... परार्थानुमानके दो अवयवोंका वर्णन. ... ... ... नैयायिकोंके पांच अवयवोंका प्रतिपादन. ... ... इस पक्षका खण्डन. ... ... ... ... ... प्रतिज्ञा अवयवको मानने न माननेके विषयमें बौद्धमतानु सार पूर्वोत्तर पक्ष. ... ... ... ... ... बौद्धोक्तहेतुलक्षणका स्वरूप और पक्षधर्मत्वादि तीन हेत्व. वयवोंका वर्णन. ... ... ... ... ... इस मतका खण्डन. ... ... ... ... नैयायिकोंके हेतुके पांच अंगोंका वर्णन.... ... नैयायिकमतानुसार पांच हेत्वाभासोंका वर्णन. ... ... नैयायिकोक्त हेतुअवयवोंका खण्डन. ... अन्वयव्यतिरेकी हेतुका स्वरूप. ... ... केवलान्वयी हेतुका स्वरूप. ... ... केवलव्यतिरेकीका स्वरूप.... ... ... हेतुके "विधि' प्रतिषेध दो भेदोंका सोदाहरण हेत्वाभासका लक्षण और भेद. ... ... उदाहरणका लक्षण. ... ... ... उदाहरणाभास. ... ... ... ... ... 'व्याप्य, व्यापक' शब्दोंका अर्थ. ... ... नैयायिकोत उपाधिके लक्षणका खण्डन. उपनयका लक्षण. .... ... ... निगमनका लक्षण.... ... ... ..... आगमप्रमाणका लक्षण, ... ... ... ... लक्षणगत प्रत्येक पदकी सफलता. ... ... आप्तका लक्षण. ... ... ... .... ९१. ९२ १०४ १०९ १११ ११२ 6 on nn .s* * - • • ११६ . .....११६ ११६ ११७ ११७ ११९Page Navigation
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