Book Title: Nijdhruvshuddhatmanubhav
Author(s): Veersagar, Lilavati Jain
Publisher: Lilavati Jain

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Page 13
________________ इष्टोपदेश श्लोक 37 धवला पुस्तक 13/74 20 4 थे गुणस्थान में आत्मानुभव मानेंगे तो कोई व्रती नहीं होगा? 21 धम्यध्यान, शुक्लध्यान - तीन प्रकार के सम्यग्दर्शन में क्या अंतर है? 22 सकलादेशी-विकलादेशी 23 शुद्धत्व का पक्ष - .46 अष्टसहस्री 3/211,212, 42 परमानंद स्तोत्र -10, प्र.सा. गाथा 191, नि.सार गाथा 96, क. 34,25,26,58 समयसार 142, जैन सिद्धांत कोश२/५६५, नयचक्र देवसेनाचार्य, समयसार कलश 122, समयसार गाथा 173 से 176, समयसार१७७, 178, ता.वृ. मोक्षपाहुड 2/305 - 50 24 जघन्य आत्मभावना गृहस्थ को होती है ? 25 गृहस्थ को ध्यान होता है भावसंग्रह 371,397,605 50 26 धर्म्यध्यान-शुक्लध्यान 51 भावपाहुड से 81/232/24, द्रव्यसंग्रह गाथा 34, प्रवचनसार गाथा 181 आप्तमीमांसा 108 क्षु. धर्मदासजो 27 संदृष्टि कोष्टक 28 स्वात्मानुभव 53 57

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