Book Title: Nijdhruvshuddhatmanubhav
Author(s): Veersagar, Lilavati Jain
Publisher: Lilavati Jain
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________________ 8 प्रत्येक अंतर्मुहूर्त में शुभ और प्रवचनसा. गाथा- 9,248, 18 अशुभ उपयोग होता है।- बृहद् द्रव्यसंग्रह-गाथा 34, 21 कार्तिकेयअनुप्रेक्षा-गाथा 470, महापुराण श्लोक-३८,४४/२१ 9 शुद्धभावना का क्या अर्थ है? प्रवचनसार गाथा-२४८, बृहद् द्रव्यसंग्रह गाथा-२८ 10 शुद्धात्मानुभव प्रवचनसार गाथा-२५४ तात्पर्यवृत्ति 11 वीतराग स्वसंवेदन समयसार तात्पर्यवृत्ति गाथा-९६ 24 12 धर्म्यध्यान ज्ञानार्णव-४/१७ 13 अनुभूति की समानता ज्ञानार्णव- 29/45, 104, 26 महापुराण 21/11, प्रवचनसार गाथा-१८१, स.सत्या-गाथा 186, 14 गृहस्थ को अनुभूति होती है। सर्वार्थ सिद्धि-गाथा-९/२९ 30 महापुराण 21/21, 75, समयसार गाथा-११, 15. सम्यक्त्व देवगति का कारण तत्त्वार्थसूत्र 6/21 क्यों कहा? 16 अविरत सम्यक्त्वी को सवर होता बृ.द्र.संग्रह गाथा 35 टीका, 33 ह? प्रवचनसार गाथा 9 टीका ता.वृ. 17 अविरत को आत्मानुभव कैसा .. तत्त्वानुशासन श्लोक - 36 होता है? 54, 58, 63, 64, 65 18 4 थे, 5 वें, 7 वें गुणस्थान के तत्त्वानुशासन श्लोक 49, 37 अनुभव में क्या अंतर होता है? प्रमेय कमल मार्तंड 2/12/245 / 19 शुद्धोपयोग कैसा है? प्रवचनसार गाथा 14 / 38

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