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मोक्षशास्त्र महापद्मादि सरोवरों तथा उनमें रहनेवाले कमलोंका प्रमाण तद्विगुणद्विगुणा हृदा पुष्कराणि च ॥ १८॥ ___ अर्थ-पागेके सरोवर तथा कमल पहिलेके सरोवर तथा कमलों से क्रमसे दूने २ विस्तारवाले है ।
टीका
यह दूना २ क्रम तिगिंछनामके तीसरे सरोवर तक है, बादमें उसके आगेके तीन सरोवर तथा उनके तीन कमल दक्षिणके सरोवर और कमलोके समान विस्तारवाले हैं ॥ १८ ॥
हृदोंका विस्तार आदि
हृद नाम
स्थान
लम्बाई | चौड़ाई | गहराई | योजन योजना योजन
कमल योजन
धृति
पद्म । हिमवन् । १००० महापद्म महाहिमवन २००० तिगिन्छ ।
निषध
४००० ४ केशरी (केशरिन)/ नील ४००० ५ महापुण्डरीक रुक्मिन् १००० ६ पुण्डरीक शिखरिन् | १००० ५००
२०००
२०००
२ बुद्धि
१ लक्ष्मी
छह कमलों में रहनेवाली छह देवियाँ तन्निवासिन्यो देव्यः श्रीहीधृतिकीर्तिबुद्धिलक्ष्म्यः पल्योपमस्थितयः ससामानिकपरिषत्काः ॥ १६ ॥