Book Title: Moksha Shastra arthat Tattvartha Sutra
Author(s): Ram Manekchand Doshi, Parmeshthidas Jain
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 892
________________ पंक्ति अशुद्धि ११ पृथ्वी पृष्ठ ४१८ ४२६ ४३० ४३३ ४४३ ४४५ ४४८ ४४४ का उत्तर द्रव्यके अध्यय टीका दशामें लोकालोकके काल कालका पर्यायके कहा जाता xw x x xmuves or for writ शुद्धि पृथ्वीकायिक के उत्तर में द्रव्यको अध्यय टीकामें दशवें लोकाकाश के काल का कालकी पर्यायका कही जाती ४५१ ४६० ४७० २५ गकमन रके ही १३ ६ ४७५ ४८२ ५०३ ५२० भेद प्रत्यंत गूथे चित व्यव गमन करके भी भेष अत्यंत गूथे चित् व्यवहार' ५५१ ७७६

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