Book Title: Moksha Shastra arthat Tattvartha Sutra
Author(s): Ram Manekchand Doshi, Parmeshthidas Jain
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 884
________________ ८०४ शब्द अध्याय is 30 सूत्र| शब्द अध्याय [2] १४ धनधान्य प्रमाणातिक्रम | धर्मका अवर्णवाद ६ धर्म धर्मानुप्रेक्षा धर्मोपदेश धारणा ध्यान ध्यान 8 8Renow is w w is w धव ध्रौव्य n or or r [त्र] प्रस त्रस त्रायस्त्रिंश [द] दर्शन उपयोग दर्शन क्रिया दर्शन विशुद्धि दर्शनावरण दर्शन विनय दसमसक परीषह जय द्रव्य द्रव्यार्थिक नय द्रव्येन्द्रिय द्रव्य द्रव्य विशेष द्रव्य संवर दातृ विशेष दानान्तराय आदि दान दासीदासप्रमाणातिक्रम७ दिगवत दुःप्रमृष्टनिक्षेपाधिकरण दुःख दुःश्रति दुःस्वर दुर्भग दुप्पक्वाहार देव देवका अवर्णवाद ur dudu or adu orx_ous raru or or or or or or x x 8 w 9 नय नपुसक वेद नरकायु | नरकगत्यानुपूर्व्यआदि ८ नाम नाराच संहनन नाग्न्य परिषह जय निसर्गज सम्यग्दर्शन निर्जरा २१ निक्षेप निर्देश ११ निःमृत २१ निर्वृत्ति निश्वयकाल द्रव्य निसर्ग क्रिया निर्वर्तना निक्षेप १३ | निसर्ग 6600 6 kee comxnx 9 ३५ । निवता ur ::

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