Book Title: Moksha Shastra arthat Tattvartha Sutra
Author(s): Ram Manekchand Doshi, Parmeshthidas Jain
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 887
________________ ८०७ सूत्र | शब्द अध्याय सूत्र (य) ३५ | यथाख्यात चारित्र ८ शरद अध्याय मनोवार गुप्ति मनोयोगदुष्प्रणिधान मनःपर्ययज्ञान मनःपर्ययज्ञानावरण मनोज्ञ मरणाशंसा मलपरीपहजय महाव्रत मायाक्रिया मात्सर्य | यशः कीर्ति याचना परीपह जय योग योग संक्रांति रति ( रसपरित्याग रहोभ्याख्यान रूपानुपाक रोगपरीषहजय M मार्गप्रभावना माध्यस्थ मायाशल्य मिथ्यात्व क्रिया मिथ्यात्वशल्य मिथ्योपदेश मिथ्यादर्शन मिथ्यात्व प्रकृति मुक्ति u0999 rur ११११११.BU१ - १var Warni xxx2022 लब्धि लब्धि लब्ध्यपर्याप्तक लिग लेश्या 1nmko com condom66mn 20mm ११टि० Mur ६ टि० लोकपाल लोकानुप्रेक्षा लोभप्रत्याख्यान लोकान्तिकदेव मूलगुण निर्वर्वना मूर्छा मृपानन्दी रौद्रध्यान मैत्री मोक्ष मोक्ष मोहनीय मौखये म्लेच्छ ४ वर्धमान वर्तना ४] वचनयोग | वनाराच संहनन । ३६ ।

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