Book Title: Moksha Shastra arthat Tattvartha Sutra
Author(s): Ram Manekchand Doshi, Parmeshthidas Jain
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 883
________________ शब्द अध्याय हेत्रवास्तुप्रमाणातिक्रम ७ क्षेत्रवृद्धि [ग] गर्भजन्म गतिनाम कर्म गंघ गण ८०३ सूत्र । शब्द अध्याय २६ | छेद [ज] जघन्य गुणसहित परमाणु ५ जरायुज जाति नामकर्म जीव जीविताशंसा जुगुप्सा गति गुणप्रत्यय ज्ञातभाव ३८ ज्ञानोपयोग | ज्ञानावरण ४१ / ज्ञानविनय " ज्ञान गुगनत गुप्ति गुणस्थान ग्रहीतमिथ्यात्व गोत्र rvs a doorxx9 duuu_vsu aur door [ घातिया कर्म चक्षुदर्शनावरण ८ चर्या परिषह जय ६ चारित्र चारित्र विनय चारित्र चिंता [छ] छेद दोपस्थापना [त] तदाहनादान तदुभय तन्मनोहरान निरीक्षण त्याग सप तपस्वी ताप तियंच तिर्यगव्यतिक्रम | तीव्रभाव तीर्थकरत्व | तीर्थ तृषा परीपह नय २५ | तृण स्पर्श परीपहनय ६ १८ तैनस शरीर १०du09ur.

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