Book Title: Moksha Shastra arthat Tattvartha Sutra
Author(s): Ram Manekchand Doshi, Parmeshthidas Jain
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 881
________________ शब्द अध्याय सूत्र ४ m KM W ७vduous ru, dur or u ur or or आतप आदान निक्षेपण समिति ७ आदेय आदान निक्षेप आनयन आनुपूर्व्य आभियोग्य अभ्यन्तरोपधिव्युत्सर्ग आम्नाय भार्य प्रारम्भ मार्तध्यान आलोकित पान भोजन आलोचना आवश्यकापरिहाणि आसादन आस्तव आस्रवानुप्रेक्षा आस्रव आहार आहारक [ ] इष्ट वियोगज आर्तध्यान इन्द्रिय इन्द्र ईर्यापथासव ईर्यापथ क्रिया ईा समिति Our ur wourt orroru ३३ शब्द अध्याय सूत्र [उ] उच्छवास उच्चगोत्र उत्सर्पिणी उत्पाद उत्तम क्षमा-मार्दव-आर्जव है , शौच, सत्य, संयम ६ __ तप, त्याग, आकिचन, ब्रह्मचर्य उत्सर्ग उदय-औदयिक भाव २ उद्योत उपशम-औपशमिकभाव उपयोग ८-१८ उपकरण उपपाद जन्म उपकरण सयोग उपघात उपभोग परिभोग परिमाणव्रत उपस्थापना उपचार विनय उपाध्याय ऊर्ध्व व्यतिक्रम ऋजुमतिमनःपर्यय ऋजुसूत्र २४ C D lororr9.or * * oC x oc o en ईर्या एकविध एकान्तमिथ्यात्व १५ / एकत्वानुप्रेक्षा ईहा

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