Book Title: Karnanuyog Praveshika
Author(s): Kailashchandra Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
View full book text
________________
विषयानुक्रमणी
प्रश्नांक
२४८
१७१
दय
प्रश्नांक मनःपर्यय किसके
३२० मोहनीय कर्मकी उत्तर प्रकृमनोयोगमें गणस्थान
२५० तियोंमें उत्कृष्ट स्थितिबन्ध ५४२ मानके भेद
१८ मार्गणा २०० यथाख्यात संयम
३३४ मार्गणाके भेद २०१ यशःकीति नाम
५२५ मिथ्यात्व गुणस्थान १०६ योग
२४७ मिथ्यात्व गणस्थानमें बन्ध ६३४ योगके भेद मिथ्यात्व गणस्थानमें
योजन बन्धव्युच्छित्ति
योनि मिथ्यात्व गुणस्थानमें उदय ६५६ ।। योनिके भेद
१७२ मिथ्यात्व गुणस्थानमें उदय
योनि और जन्ममें अन्तर १७८ व्यच्छित्ति मिथ्यात्व गुणस्थानमें सत्व ६८८ रसना इन्द्रिय
२२१ मिथ्यादृष्टी जीवोंका क्षेत्र ४०५ रस नामकर्म
४६५ मिथ्यादृष्टिी जीवोंका स्पर्शन ४०७ राजू मिथ्यादृष्टी जीवोंका अन्तर ४२३ मिथ्यादृष्टी जीवोंकी संख्या ३६७ लब्धि
२१७ मिथ्यादृष्टी जीवोंका काल ५१३ लब्धियां कितनी मिथ्यादृष्टी जीवोंका कौन लब्ध्यपर्याप्तक
लब्ध्यपर्याप्तकके गुणस्थान मिथ्यात्व कर्म
४६१ लब्ध्यपर्याप्तकके कितने जन्म १७० मिश्र गुणस्थान
१०६ लब्ध्यपर्याप्तकका जन्म १८५ मिश्र गुणस्थानमें बन्ध ६३६ लांगलिका गति
२६६ मिश्र गुणस्थानमें बन्ध
लेश्या व्युच्छित्ति
लेश्याके भेद
३४७ मिश्र गुणस्थानमें उदय
लोक मिश्र गुणस्थानमें उदय
लोकका आकार व्युच्छित्ति
६६५ लोकको मोटाई आदि मिश्र गुणस्थानमें सत्ता
६६०
लोकके भेद मिश्र गुणस्थानकी विशेषता ११० लोक कहां स्थित है मोहनीय कर्म
४४२ लोकको किसने रचा मोहनीय कर्मके भेद ४५५ लोकोत्तर मानके भेद
३५६
१५६
'भाव
१६६
६४०
६६३
५०
C. ८८
05 4 .
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132