Book Title: Jain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Author(s): Deviprasad Mishra
Publisher: Hindusthani Academy Ilahabad

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Page 18
________________ ( xvi ) के अन्य विद्वान् प्रो० दलसुख भाई मालवणिया, प्रो० नथमल टाटिया, महामहोपाध्याय डॉ० दामोदर शास्त्री, स्व० पं० कैलाश चन्द्र शास्त्री, स्व० पं० फल चन्द्र शास्त्री, प्रो० मोहन लाल मेहता, डॉ० दरबारी लाल कोठिया, डॉ. लक्ष्मी चन्द्र जैन, डॉ. विमल प्रकाश जैन, डॉ० पन्ना लाल जैन, डॉ० सागर मल जैन आदि महानुभावों का भी आभारी हूँ, जिन्होंने अपने सत्परामर्शों से मुझे अनुगृहीत किया है। । प्रस्तुत शोध-प्रबन्ध के निर्माण की अवधि में श्री राजेन्द्र प्रसाद पाण्डे, पूर्व निदेशक, स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद और सम्प्रति प्रकाशन के समय श्री हरदेव तिवारी, निदेशक, स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद से मुझे जो स्नेहमय प्रोत्साहन प्राप्त हुआ है. इसके लिए मैं हृदय से कृतज्ञ हूँ। शैक्षणिक गतिविधियों तथा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में सम्मिलित होने में श्री हरदेव तिवारी द्वारा मुझे जो प्रोत्साहन उपलब्ध हो रहा है, इसके लिए मैं उनका आभारी हूँ। शोध-प्रबन्ध के निर्माण में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी; पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध-संस्थान, वाराणसी; वर्णी शोध-संस्थान, नरिया, वाराणसी; काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी; एल० डी० इन्स्टीच्यूट ऑव इण्डोलोजी, अहमदाबाद; जैन विश्व भारती, लाडनं (राजस्थान); प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय; गंगानाथ झा केन्द्रीय विद्यापीठ, इलाहाबाद आदि पुस्तकालयों से मुझे विशेष रूप से सहायता मिली। इसके लिए मैं इनके अधिकारियों एवं कर्मचारियों को धन्यवाद देता हूँ। दिगम्बर सम्प्रदाय के प्रमुख आचार्य विद्यानन्दजी ने अपनी साधना में से अपना अमूल्य समय प्रदान कर मेरे शोध-प्रबन्ध को आद्यन्त पढ़ने के उपरान्त आशीर्वाद और प्रोत्साहन प्रदान किया है । इसके लिए मैं आचार्य जी के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ । सम्प्रति श्वेताम्बर सम्प्रदाय के शिरोमणि आचार्य तुलसी और युवाचार्य महाप्रज्ञजी अपने चातुर्मास के प्रवास के व्यस्ततम अमूल्य क्षणों में मेरे इस शोधप्रबन्ध को सम्यक् पढ़ने के उपरान्त जो 'आशीर्वचन' लिखा है, वह मेरे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है । इस लिए मैं उनके प्रति अनुगृहीत हूँ। प्रस्तुत शोध-प्रबन्ध का प्रकाशन हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद के तत्त्वावधान में हो रहा है । एकेडेमी के अध्यक्ष डॉ० राम कुमार वर्मा, सचिव डॉ० जगदीश गुप्त, सहायक सचिव डॉ० रामजी पाण्डेय और एकेडेमी के समस्त Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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