Book Title: Harivanshpuran
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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उदधि (व्य ) दुर्योधनकी पुत्री, जो प्रद्यम्नको विवाही गयी ४७ ९१ उदधि (व्य) कृष्णका पुत्र४८।७० उदधिकुमार = भवनवासी देवों
का एक भेद ४।६३ उदय (पा) स्फटिक सालका पूर्व गोपुर ५७५७ उदय (पा) आग्रायणी पूर्वके चतुर्थ
प्राभृतका योगद्वार १०१८३ उदय (पा) स्फटिक सालका उत्तर गोपुर ५७।६० उदयपर्वत (भी) वि. द. नगरी २२।९९
उदात्त = वेदमें प्रयुक्त होनेवाला स्वरविशेष ( उच्चैरुदात्तः) १७१८७ उदितपराक्रम (व्य ) सुवीर्यका पुत्र १३।१०
उदीच्यवा = षड्जस्वरसे सम्बद्ध जाति १९।१७४ उद्ध = उत्कृष्ट २।१५ उद्धव (व्य) समुद्रविजयके भाई अक्षोभ्यका पुत्र ४८/४५ उद्धारपल्य (पा) कालका एक परिमाण ७१४९-५० उद्धारसागर (पा) दश कोड़ा
कोड़ी उद्धारपत्योंका एक उद्धार सागर ७१५१ उद्भ्रान्त (भौ) रत्नप्रभाके
पंचम प्रस्तारका इन्द्रक विल ४७६
=
उद्यभाषण (अनुवीचिभाषण ) आगमानुकूल वचन बोलना ५८११९
उदंग, उदवास (व्य) लवणसमुद्र कौस्तुभ और कौस्तुभास पर्वतके निवासी देव ५१४६०
११४
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शब्दानुक्रमणिका
उम्मग्नजला (भी) विजयार्धकी गुहामें पड़नेवाली नदी
११।२६
उन्मत्त जला (भी) विदेह क्षेत्रकी एक विभंगा नदी ५१२४० उन्मुख (व्य) नौवाँ नारद ६०१५४८
उन्मुण्ड (व्य) बलदेवका पुत्र ४८ ६६
उन्मूल व्रणरोह = एक दिव्य ओषधि २१।१८. उपक्रम (पा) आग्रायणी पूर्वके चतुर्थ प्राभृत
योगद्वार
१०१८३
उपनन्दन ( भी ) मेरुका एक वन ५।३०८
उपपाण्डुक (भौ) मेरुका एक वन ५।३०९
उपभोग (पा) जो एक बार भोगनेमें आये ५८।१५५ उपभोगपरिभोग परिमाण (पा) शिक्षाव्रतका भेद ५८ १५५-५६ उपमोगादिनिरर्थन ( पा ) अनर्थदण्ड व्रतका अतिचार ५८।१७९
उपसौमनस ( भी ) मेरुका एक वन ५।३०८ उपाधिवाक् भाषा (पा) सत्यप्रवादपूर्वकी द्वादश भाषाओंमें से एक भाषा १० । ९४ उपाध्याय (व्य )
उपाध्याय
परमेष्ठी १।२८ उपाध्याय (पा) आग्रायणीपूर्वकी वस्तु १०८० उपायविचय (पा) धर्म्यध्यान
का भेद ५६।४१ उपायानाय = उपायरूपी जाल
५०।१५
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९०५
उपशमक (पा) चारित्रमोहका उपशम करनेवाला ३३८२ उपशान्त कषाय (पा) ग्यारहवाँ
गुणस्थान ३१८२
उपसर्ग = पदगत गान्धर्व की विधि १९।१४९
उपसर्ग (पा) देव, मनुष्य, पशु और अचेतनकृत उपद्रव १।१२३
उपांशु = एकान्त १९।१४ उर्वरा = भूमि ३६।४ उरश्छद = कवच ११।१३ उलूक (व्य) कृष्ण और जरासन्धके
युद्धका एक पात्र जिसका नकुल के साथ युद्ध हुआ ५१।३०
उल्मुक (व्य) एक राजा५०।८३ उशीरावर्त (भी) एक देश, जहाँ
चारुदत्त व्यापार के लिए गया था २१।७५ उषा (व्य) शोणितपुर के निवासी बाण विद्याधरकी पुत्री ५५।१७
[ ऊ ]
ऊर्जयन्त ( भी ) गिरिनार पर्वत
१।११५ ऊर्ध्वव्यतिक्रम (पा) दि. व्रतका अतिचार ५८।१७७ ऊर्मिमान् (व्य) स्तिमितसागरका पुत्र ४८|४६ ऊर्मिमालिनी (भौ) विदेहकी विभंगा नदी ५।२४२ रुधर्म (व्य) एक मुनि ६०।११० ऊह (पा) चौरासी लाख ऊहांगों
का एक ऊह ७।३० ऊहाङ्ग (पा) चौरासी लाख अममांगों का एक ऊहांग ७।३०
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