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वारिषेणा (व्य) दिक्कुमारी देवी
५।२२७
वारुण-विद्यास्त्र २५।४७ वारुणी = मदिरा ६१।५१ वारुणी ( व्य ) रुचिकगिरिके कांचनकूटपर रहनेवाली देवी ५।७१६
वारुणी (व्य) मृगायण ब्राह्मणकी पुत्री २७।६२ वारुणीवरद्वीप (भी) चौथा द्वीप
५।६१४
वारुणीवरसमुद्र ( भी ) चोथा समुद्र ५।६१४
वा मूलिक = विद्याधरोंकी एक जाति २६।२२ वार्ष्णेय (व्य ) अनावृष्टि नामक कृष्णका सेनापति ५१।४१ वलि (व्य) उज्जयिनीके राजा श्रीधर्माका मन्त्री २०१४ वाला (पा) 'आठ रथरेणुओंका एक उ भो. मनुष्यका वालाग्र होता है ७।३९
वासव = इन्द्र २४४ वासव (व्य) जरासन्धका पुत्र ५२।३८
वासव ( व्य ) कुरुवंशका एक राजा ४५।२६
वासव (व्य) अरिष्टपुरका राजा ६०।७५
वासव (व्य) राजा वसुका पुत्र १७१५८
वासव (व्य) नमिका पुत्र २२ । १०८ वासवीर्य (पा) स्फटिक सालका पूर्व गोपुर ५७/५७ वासुकि (व्य) कुण्डलगिरिके महाप्रभ कूटका निवासी देव ५।६९२
वासुकि (व्य) जरासन्धका पुत्र ५२/३७
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हरिवंशपुराणे
वासुकि (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।२६
वासुकि (व्य ) धरणका पुत्र ४८/५०
वासुदेव (व्य) श्रीकृष्ण ११९१ वासुपूज्य (व्य) बारहवें तीर्थकर ३।५७
वासुवेग व्य जरासन्धका पुत्र ५२/३९ वास्तुक्षेत्र प्रमाणातिक्रम (पा) परिग्रहपरिमाणाणु व्रतका अतिचार ५८।१७६ वास्य = क्षेत्र ११।५८ वाह्लीक (भी) देशविशेष ३१५ वाह्लोक (व्य ) एक राजा ५०१८४
वाहिनी = सेना ५०।६६ वाहिनी = नदी २।१६ विकचा (व्य) राजा चूलिककी
स्त्री ४६।२६ विकचोत्पला (पा) समवसरण के चम्पक वनकी वापिका ५७१३४
विक्रान्त (व्य) एक राजा
५०।१३२
विक्रान्त ( व्य ) एक राजा
५०१८५
विक्रान्त ( भी ) रत्नप्रभा पृथिवी के तेरहवें पटलके इन्द्रक विलका नाम ४।१०१ विकृत्य ( अ. क्रि. ) विक्रिया से
बनाकर २।३० विघृण = निर्दय ३५।३१ विक्षेप
= तालगत गान्धर्वका एक प्रकार १९।१५० विख्यातामृतधार (भी) वि. द.
नगरी २२।१०० विघ्न (पा) ज्ञाना. और दर्शना. का आस्रव ५८ ९२
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विचित्र ( भी ) नीलकुलाचलकी
दक्षिण दिशामें सीता नदीके पूर्वतटपर स्थित एक कूट
५।१९१
विचित्र (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।२७ विचित्रवोर्य (व्य) कुरुवंशका
एक राजा ४५।२८ विचित्रमति (व्य ) चित्रबुद्धि
और कमलाका पुत्र२७ ९८ विचित्रा (व्य) नन्दन वनमें रहनेवाली दिक्कुमारी ५।३३३ विच्छुरित: = व्याप्त १५।१६ विजय ( भी ) वि. उ. नगरी
२०१८६
विजय (व्य ) अन्धकवृष्णि और सुभद्राका पुत्र १८ ।१३ विजय व्य ) नमिका पुत्र २२।१०८
विजय (व्य) द्वितीय जम्बूद्वीपका रक्षक देव ५।३९७ विजय (पा) समवसरणके स्फटिक शालके पूर्व गोपुरका नाम ५७/५७
विजय (व्य ) वसुदेवका पुत्र
५०।११५
विजय (भौ ) अनुत्तर विमान
६।६५
विजय (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।१५ विजय ( व्य ) दशपूर्वके ज्ञाता एक आचार्य १।६३ विजय (भौ ) जम्बूद्वीप की जगती
का पूर्व द्वार ५।३९० विजय ( व्य ) विजयद्वारमें रहनेवाला एक व्यन्तर ६०/६०
विजय (व्य) जयकुमारका छोटा भाई १२।३२
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