Book Title: Harivanshpuran
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

View full book text
Previous | Next

Page 1012
________________ ९७४ [ह] हंस = बत्तखके आकारका एक जलपक्षी, जो बड़ी-बड़ी झीलोंमें रहता है ८।१४४ हंसगर्भ (भी) विजयार्धके उत्तरश्रेणीकी एक नगरी २२ ।९१ हरि (व्य) राजा आर्य और मनोरमाका पुत्र १५ ।५७ हरि (व्य) कृष्ण ३५।२२ हरि = मर्कट ५५।११७ हरि = सिंह ५५।११७ हरि = विष्णु ५५।११७ हरि = इन्द्र ५५।११७ हरिकण्ठ (व्य) दूसरा प्रति नारायण ६० ५६९ हरिचन्द्र (व्य) कृष्णचन्द्र ५४।७३ हरिक्षेत्र (भौ) जम्बूद्वीपके सात क्षेत्रों में एक क्षेत्र ५।१३ हरिकण्ठ (व्य) हयग्रीवका दूसरा मन्त्री २८|४३ हरिण = हिरनकी एक जाति ८।१३७ हरिकान्त (भौ ) महाहिमवान् के आठ कूटोंमें से एक कूट ५।७२ हरिकान्ता ( भी ) महापद्महदसे निकली हुई एक नदी ५।१३३ हरित् (भौ) जम्बूद्वीपकी एक नदी ५।१२३ हरिवर्ष ( भो ) महाहिमवान् के आठ कूटों में से एक कूट ५।७२ हरिद्वती (भी) विजयार्धके दक्षिण श्रेणीकी एक नदी २७।१३ हरिवर्ष ( भी ) निषध पर्वतके नौ कूटों में से एक कूट ५।८८ हरिषेण (व्य) मिथिलाके राजा देवदत्तका पुत्र १७।३४ Jain Education International हरिवंशपुराणे = भगवान् नेमिनाथका वंश १।७१ हरिवंश हरिवंश = जैनपुराण १।५१ हरिविष्टर सिंहासन ३८|१६ हरिशक्तिः = हरेः सिंहस्येव शक्तिर्यस्य सः ३६।४३ हरिश्चन्द्र (व्य) आगामी नौ बलभद्रों में से पाँचवाँ बलभद्र ६०।५६८ हरिषेण (व्य) दसवाँ चक्रवर्ती ६०/५१२ हरिषेणा (व्य) अयोध्या के राजा श्रीषेणकी श्रीकान्ता स्त्रीसे उत्पन्न कन्या ६४।१३० हरिश्मश्रु (व्य) राजा अश्वग्रीवका मन्त्री २८|३२ हरिश्मश्रु (व्य) राजा विनमिका = पुत्र २२।१०४ हरिचन्द्र ( व्य ) एक मुनि २७१८३ हरिसह कूट ( भी ) विद्युत्प्रभ पर्वतपर स्थित नौ कूटोंमेंसे एक कूट ५। २२३ हरिसह कूट ( भी ) माल्यवान् पर्वत पर स्थित नौ कूटों में एक कूट ५।२२० हस्तिनायक ( भी ) विजयार्ध के उत्तर श्रेणीकी एक नगरी २२८७ हस्तन्यास = धरोहर १७/७९ हस्तसंवाहन हाथ दबाना ८४६ हस्तप्रहेलिका ( भी ) चौरासी शिरः प्रकम्पितों की एक हस्तप्रहेलिका होती है लाख ७।३० हलधर = बलभद्र २५।३५ हलभृद् (व्य) बलदेव ३६ । १६ हलायुध (व्य) बलदेव ३५/६२ For Private & Personal Use Only हली (व्य) बलभद्र ११२७ हायन = वर्ष ५२।२० हार = एक आभूषण ७१८९ हारिद्र ( भी ) इकतीस पटलों मेंसे एक पटल ६।४६ हारी (व्य) इन्द्रका आज्ञाकारी एक देव ३३।१६९ हारी = एक विद्या २२/६३ हास्तिन ( भी ) विजयार्ध के उत्तर श्रेणीकी एक नगरी २२१८७ हास्तिविजय (भौ) विजयार्ध के उत्तर श्रेणीकी एक नगरी २२।८९ हास्तिनपुराधीश हस्तिनापुरका राजा १२।१० हिंसा = प्रमत्तयोगात् प्राणपरोपणं हिंसा ( त. सू. ७।१३) ५८।१२७ हिंसाव्युदास - हिंसाका त्याग १७।१६४ हिउम्ब ( व्य ) विन्ध्याचलके सन्ध्याकार नामक नगरका एक वंश ४५।११४ हिमवान् (व्य) अन्धकवृष्णिका सुभद्रा से उत्पन्न पुत्र १८ १३ हिमपुर (भी) विजयार्ध के दक्षिण श्रेणीकी नगरी २२।९८ हिमवान् (भौ) जम्बूद्वीपका एक पर्वत ५।१५ हिमष्टि (व्य) वसुदेवमदनवेगा का पुत्र ४८।६१ हिमवत् (व्य ) एक राजा ४८१४७ हिमवान् (व्य) जरासन्धका पुत्र ५२/३५ हिमशीकर = बरफके कण १५।३ हिमवत कूट ( भी ) हिमवत् कुलाचलके ग्यारह कूटोंमें से एक कूट ५४५३ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 1010 1011 1012 1013 1014 1015 1016 1017