Book Title: Harivanshpuran
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 1014
________________ Jain Education International भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित पुराण, चरित एवं अन्य काव्य-ग्रन्थ आदिपुराण (संस्कृत, हिन्दी ) : (दो भागों में) - आचार्य जिनसेन सम्पा. - अनु. : डॉ. पन्नालाल जैन, साहित्याचार्य उत्तरपुराण (संस्कृत, हिन्दी ) : आचार्य गुणभद्र सम्पा. - अनु. : डॉ. पन्नालाल जैन, साहित्याचार्य पद्मपुराण (संस्कृत, हिन्दी ) : (तीन भागों में) - आचार्य रविषेण सम्पा. -अनु. : डॉ. पन्नालाल जैन, साहित्याचार्य हरिवंशपुराण (संस्कृत, हिन्दी ) : आचार्य जिनसेन सम्पा. - अनु. : डॉ. पन्नालाल जैन, साहित्याचार्य समराइच्चकहा (प्राकृत, हिन्दी ) : (दो भागों में) - हरिभद्र सूरि अनु. : डॉ. रमेशचन्द्र जैन, बिजनौर कथाकोष (संस्कृत) : पण्डिताचार्य सम्पा. : डॉ. आ.ने. उपाध्ये धर्मशर्माभ्युदय (संस्कृत, हिन्दी ) : महाकवि हरिचन्द्र सम्पा. अनु. : डॉ. पन्नालाल जैन, साहित्याचार्य पुरुदेव चम्पू (संस्कृत, हिन्दी) : महाकवि अर्हद्दास सम्पा. -अनु. : डॉ. पन्नालाल जैन, साहित्याचार्य वीरजिगिंदचरिउ (अपभ्रंश, हिन्दी ) : कवि पुष्पदन्त सम्पा. - अनु. : डॉ. हीरालाल जैन महापुराण (अपभ्रंश, हिन्दी) : (पाँच भागों में) - कवि पुष्पदन्त अनु. : डॉ. देवेन्द्रकुमार जैन पज्जुण्णचरिउ (प्रद्युम्नचरित) (अपभ्रंश, हिन्दी ) - महाकवि सिंह सम्पा. - अनु. : डॉ. विद्यावती जैन वड्ढमाणचरिउ (अपभ्रंश, हिन्दी ) : विबुध श्रीधर सम्पा. - अनु. : डॉ. राजाराम जैन जसहरचरिउ (अपभ्रंश, हिन्दी ) कवि पुष्पदन्त सम्पा. - अनु. : डॉ. हीरालाल जैन सिरिवालचरिउ ( अपभ्रंश, हिन्दी ) नरसेन देव सम्पा. -अनु. : डॉ. देवेन्द्रकुमार जैन पउमचरिउ ( अपभ्रंश, हिन्दी) : (पाँच भागों में) - महाकवि स्वयम्भू सम्पा. -अनु. : डॉ. देवेन्द्रकुमार जैन रिट्ठणेमिचरिउ (अपभ्रंश, हिन्दी ) : महाकवि स्वयम्भू सम्पा. -अनु. : डॉ. देवेन्द्रकुमार जैन For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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